नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजों पर पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा की हम केंद्र सरकार को पैलेट गन का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने के लिए कहने के लिए तैयार हैं।
लेकिन क्या आप यह भरोसा दिलवाऐंगे कि आगे से कश्मीर में पत्थरबाजी नहीं होगी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से कहा कि अगर पत्थरबाजों की ओर से इस मुद्दे पर कोई सकारात्मक जवाब आता है, या वो पत्थरबाजी करने से रूकते है तब वह इस मुद्दे पर आगे फैसला लेगी।
मुख्य न्यायधीश ने कहा कि जब वहां सड़के बंद हैं और पत्थरबाजी हो रही है, तो इस मुद्दे पर हम चर्चा कैसे कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर अगली सुनवाई 9 मई को करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से कहा कि वह घाटी के हालात सुधारने के लिए सुझाव दें और वहां पर हिंसा को रुकवाएं, तो वहीं केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस मुद्दे पर सिर्फ मान्य पार्टियां से ही बात करेगी, ना कि अलगाववादियों से।
आपको बता दें कि इससे पहले की सुनवाई में केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा था कि वो उग्र प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए जल्द ही एक सीक्रेट वेपन का इस्तेमाल शुरू करने वाली है।
इसे पैलेट गन के पहले इस्तेमाल में लाया जाएगा। केंद्र सरकार के मुताबिक बदबूदार पानी, लेजर डेजलर और तेज आवाज करने वाली मशीनों का भी प्रदर्शनकारियों पर कोई असर नहीं होता है। इसलिए मजबूरी में आखिरी विकल्प के तौर पर पैलेट गन का इस्तेमाल किया जाता है।
सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि राज्य में उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए पैलेट गन को अंतिम विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। जम्मू कश्मीर में होने वाला प्रदर्शन दिल्ली में जंतर-मंतर पर होने वाला शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन नहीं है।