मुनि तरूण सागर पर विवादित टिप्पणी: क्या सिर्फ माफी मांग लेना ही काफी है

Samachar Jagat | Sunday, 28 Aug 2016 09:16:26 AM
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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) समर्थक और हिन्दी फिल्मों के मशहूर संगीतकार विशाल ददलानी ने मुनि तरूण सागर पर विवादित टिप्पणी की, जिसके बाद पूरे देश में विशाल के खिलाफ रोष है और धरने प्रदर्शन का दौर जारी है। हालांकि विशाल ने आप संयोजक और दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फटकार और हर तरफ हो रही आलोचना से घबराकर माफी मांग ली है। लेकिन, उनकी माफी से जो देश के जैन धर्मावलम्बियों को ठेस पहुंची है, क्या उसकी भरपाई हो सकेगी।

जैन मुनियों की साख और इज्जत सिर्फ एक समुदाय में बंधकर नहीं रही, बल्कि पूरे देश के हर धर्म हर वर्ग और दुनिया में है। पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि देश में धार्मिक संस्थानों गुरूओं और मुनियों और धर्म से संबंधित टीका टिप्पणी बढ़ती जा रही हैं। जिसको लेकर रोष व्याप्त होता है, माफी का दौर शुरू होता है, और मामला शांत हो जाता है। 

लेकिन, इस तरफ सोचने और गहरे विचार की जरूरत है कि क्या धर्म और उनसे जुड़ी महान हस्तियों पर हमे टिप्पणियां शोभा देती हैं। जो अपने हर सुख, अपनी पूरी दुनिया और अपना हर ऐशो आराम त्याग कर समाज, धर्म और मानव सेवा में लगा देते हैं, और हमसे इसके बदले कुछ पाने की इच्छा नहीं रखते हैं, बल्कि हमें सच्चा मार्ग और जीवन जीने का सही तरीका सिखाते हैं, और हम उन्हें इसके बदले अपमानित कर रहे हैं। यह कहां तक सही है। 

क्या आपको लगता है सोशल मीडिया और मीडिया में आए दिन होती इस तरह की टिप्पणी और विवादों को लेकर कोई सख्त कार्यवाही होनी चाहिए जिससे, ऐसी हरकतों पर रोक लगाई जा सके। इसको लेकर आप भी अपनी राय ज़रूर व्यक्त करें।

मुनि सागर जी पर की गई टिप्पणी: पढें पूरी खबर
आम आदमी पार्टी (आप) के जबर्दस्त समर्थक और कई मौकों पर पार्टी के लिए प्रचार करने वाले सिंगर और म्यूजिक डायरेक्टर विशाल ददलानी विवादों में घिर गए हैं। इस बार उन्होंने जैन मुनि तरुण सागर के बारे में ट्विटर पर विवादस्पद टिप्पणी कर दी, जिस पर जबर्दस्त विवाद पैदा हो गया।

इसके बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ददलानी के ट्वीट पर कड़ा विरोध जताया है। इसके अलावा आप के एक मंत्री ने भी माफी मांगी। हालांकि, ददलानी ने भी बाद में माफी मांग ली और सभी तरह की सक्रिय राजनीतिक गतिविधियों को छोडऩे की बात भी कह डाली।

दरअसल, मुनि तरुण सागर  को हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने न्योता दिया था। उनके इस न्योते  को स्वीकार कर सागर ने 26 अगस्त को हरियाणा विधानसभा को संबोधित किया था। अपनी परंपरा के मुताबिक, तरुण सागर इस मौके पर भी बिना कपड़ों के ही थे।

इसी पर ददलानी ने लिखा, अगर आपने इन लोगों के लिए वोट दिया है तो आप इस बकवास के लिए जिम्मेदार हो। नो अच्छे दिन, जस्ट नो कच्छे दिन।

इसके बाद ट्विटर पर लोगों ने ददलानी की खिंचाई शुरू कर दी। इस पर उन्होंने माफी भी मांगी लेकिन यूजर्स को यह रास नहीं आया। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, तरुण सागरजी महाराज केवल जैनों के लिए ही नहीं बल्कि सभी के लिए बहुत पूजनीय संत हैं।

जो लोग अनादर कर रहे हैं वह दुर्भाग्यपूर्ण है और यह रुकना चाहिए। ददलानी ने केजरीवाल के ट्वीट को रीट्वीट भी किया। साथ ही कई बार माफी भी मांगी। उन्होंने सफाई में लिखा, जिन भी लोगों की भावनाओं को मैंने ठेस पहुंचाई है उन सब से माफी मांगता हूं। लेकिन भारत के लिए राजनीति से धर्म को बाहर रहने दीजिए।

विशाल ददलानी के बयान पर दिल्ली  के स्वास्थ्य, ऊर्जा और पीडब्लूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी माफी मांगी। उन्होंने ट्वीट किया, मेरे दोस्त विशाल ददलानी की ओर से जैन समुदाय की भावनाओं को आहत होने पर मैं माफी मांगता हूं। मैं मुनि तरुण सागरजी महाराज से क्षमा मांगता हूं।

ददलानी ने केजरीवाल और सत्येंद्र जैन से भी माफी मांगी। इसके बाद उन्होंने लिखा, मुझे बुरा लग रहा है कि मैंने मेरे जैन दोस्तों और मेरे दोस्त अरविंद केजरीवाल व सत्येंद्र जैन को बुरा महसूस कराया। इसलिए मैं सभी सक्रिय राजनीतिक कार्य छोड़ता हूं।



 

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