नई दिल्ली। 75 दिन बीमारी से संघर्ष के बाद 68 साल की जे. जयललिता का सोमवार रात 11.30 पर निधन हो गया। छह बार तमिलनाडु की सीएम रहीं जयललिता 22 सितंबर से अपोलो हॉस्पिटल में एडिमट थीं। उन्हें लंग इन्फेक्शन था। मंगलवार सुबह पांच बजे राजाजी हॉल में जया का पार्थिव शरीर रखा गया। ताकि जनता उनके अंतिम दर्शन कर सके। आपको बता दें कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री इस साल मुफ्ती मोहम्मद सईद के बाद दूसरी ऐसी राजनेता हैं जिनका सत्ता में रहते हुए निधन हुआ। पछले दो दशकों में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिनमें संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री की सत्ता में रहने के दौरान ही मौत हुई है।
राजनीति में लोहा मनवा चुकी जयललिता का शानदार था फिल्मी करियर
आईये डाले एक नजर...
1. मुफ्ती मोहम्मद सईद (1936-2016)
मार्च, 2015 में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन के सत्ता में आने के बाद जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री बने। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद देश के पहले मुस्लिम गृह मंत्री रहे. जम्मू-कश्मीर की सियासत में अब्दुल्ला परिवार को चुनौती देकर अपनी जगह बनाई। इस साल की शुरुआत में सात जनवरी को बीमारी के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया. उनके बाद राज्य की बागडोर मुख्यमंत्री के रूप में उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती ने संभाली।
2. बेअंत सिंह (फरवरी, 1922-अगस्त, 1995)
कांग्रेसी नेता बेअंत सिंह 1992 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने। 31 अगस्त, 1995 को चंडीगढ़ में आत्मघाती बम धमाके का शिकार हो गए। सचिवालय परिसर में हुए बम धमाके में बेअंत सिंह समेत 17 लोगों की मौत हो गई। उनमें से तीन कमांडो भी थे। आत्मघाती हमलावर दिलावर सिंह जयसिंहवाला था और उसके साथ एक बैकअप प्लान के रूप में बलवंत सिंह राजोआना था जिसे बाद में हत्या का दोषी ठहराया गया।
3. वाईएस राजशेखर रेड्डी (1949-2009)
वाईएसआर के नाम से मशहूर आंध्र प्रदेश के कद्दावर नेता माने जाते थे। अपने किसी चुनाव में कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा। आंध्र प्रदेश की पुलीवेंदुला विधानसभा सीट से पांच बार चुनाव जीते। राज्य में तीन महीने की करीब 1500 किमी यात्रा करने से अत्यंत लोकप्रिय हुए और 2004 में राज्य के मुख्यमंत्री बने। दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में 2009 में खराब मौसम के बीच उनका हेलीकॉप्टर नल्लामाला के जंगलों में लापता हो गया। बाद में रुद्राकोंडा पहाड़ी की चोटी पर हेलीकॉप्टर के अवशेष मिले। वाईएसआर समेत हेलीकॉप्टर में सवार सभी पांच लोगों की उस हादसे में मौत हो गई।
4. दोरजी खांडू (1955-2011)
कांग्रेसी नेता और अरुणाचल प्रदेश के छठे मुख्यमंत्री थे। 30 अप्रैल, 2011 को दोरजी खांडू समेत चार लोगों को लेकर हेलीकॉप्टर ईटानगर के लिए उड़ा लेकिन रास्ते में ही लापता हो गया। बाद में सघन खोजबीन के बाद पाया गया कि तवांग जिले के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें सवार सभी लोगों की मौत हो गई थी।
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