अहमदाबाद। गुजरात में विघ्नहर्ता गणपति की प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ ही आज दस दिवसीय गणेशोत्सव का समापन हो गया। सोमवार (पांच सितंबर) को गणेश चतुर्थी यानी गणेश जी के जन्म दिवस पर शुरू हुआ यह उत्सव पूरे राज्य में श्रद्धा और उत्साहपूर्वक मनाया गया।
इस दौरान राज्य में पर्यावरण अनुकूल गणेशोत्सव के आयोजन को विशेष प्रोत्साहन दिया गया और आज अनन्त चतुर्दशी के मौके पर गणेश जी की छोटी-बड़ी मूर्तियों का विसर्जन किया जा रहा है। राज्य के सभी जिलों में विसर्जन का दौर तो गणेश चतुर्थी के तीसरे दिन से ही शुरू हो गया था।
राज्य के महेसाणा, पालनपुर, अहमदाबाद, वडोदरा, आणंद, नडियाद,सूरत, राजकोट, जूनागढ और जामनगर ,कुछ सहित सभी शहरों में गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए नगर निगमों और दमकल विभाग ने व्यापक प्रबंध किए हैं।
राज्य भर में सुबह से ही गणपति बप्पा मोरया और अगले बरस तू जल्दी आ के जैकारे करते हुए बैंड-बाजे, ढोल-नगाडे और डीजे की धुन पर नाचते, गाते गुलाल उड़ाते श्रद्धालु गणेश प्रतिमाओं को अपने-अपने घरों में और नदी, तालाब, सरोवर और समुद्र में विसर्जित करते नजर आए।
दमकल विभाग विभाग के अधिकारी राजेश भट्ट ने यूनीवार्ता को बताया कि अहमदाबाद में गणेश प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए 22 क्रेन, फायर फाइटर, इमरजंसी टेंडर, रेसक्यू टेंडर, इमरजंसी फ्लड लाइट,रेसक्यू रस्से, रेसक्यू कोट,लाइफ जेकेट,के साथ दमकल के 175 जवान अलग-अलग 24 जगहों पर तैनात रहेंगे।
भट्ट ने गणेश जी की प्रतिमाओं को सूर्यास्त से पहले ही विसर्जन करने की अपील करते हुए कहा कि इससे अंधेरे में होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
पुलिस आयुक्त शिवानंद झा ने बताया कि इस मौके पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। पुलिस के मुताबिक राज्य में हर्ष और उल्लास के साथ गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन शंतिपूर्वक किया जा रहा है और कहीं से और किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं है।