असीरगढ़ के किले में एक शिव मंदिर है माना जाता है कि इस किले में स्थित तालाब में स्नान करके अश्वत्थामा शिव मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि पहाड़ की चोटी पर बने किले में स्थित यह तालाब बुरहानपुर की तपती गरमी में भी कभी सूखता नहीं है।
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तालाब के थोड़ा आगे गुप्तेश्वर महादेव का मंदिर है। मंदिर चारों तरफ से खाइयों से घिरा हुआ है। यहां कि निवासियों की मानें तो उनके अनुसार इन्हीं खाइयों में से किसी एक में गुप्त रास्ता बना हुआ है, जो खांडव वन (खंडवा जिला) से होता हुआ सीधे इस मंदिर में निकलता है।
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इसी रास्ते से होते हुए अश्वत्थामा मंदिर के अंदर आते हैं। स्थानीय निवासियों का मानना है कि सुबह सबसे पहले अश्वत्थामा ही इस मंदिर में आकर शिवलिंग की पूजा करते हैं।
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