भारत के प्रमुख दुर्गों में से एक है राजस्थान के राजसमन्द जिले में स्थित कुंभलगढ़ दुर्ग। यह दुर्ग मेवाड़ के महाराणा कुम्भा की सूझबूझ व प्रतिभा का अनुपम स्मारक है। इस दुर्ग का निर्माण वास्तु को ध्यान में रखकर किया गया है, इस दुर्ग में प्रवेश द्वार, प्राचीर, जलाशय, संकटकालीन द्वार, महल, मंदिर, आवासीय इमारतें, यज्ञ वेदी, स्तम्भ, छत्रियां आदि बने हुए हैं।
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इस किले के चारों ओर एक बडी दीवार बनी हुई है जो चीन की दीवार के बाद दूसरी सबसे बड़ी दीवार है। इस किले को ’अजेयगढ’ कहा जाता है क्योंकि इस किले पर कोई विजय प्राप्त नहीं कर सका। इस दुर्ग के अंदर एक और गढ़ है जिसे कटारगढ़ के नाम से जाना जाता है। यह गढ़ सात विशाल द्वारों व सुदृढ़ प्राचीरों से सुरक्षित है। इस गढ़ के शीर्ष भाग में बादल महल है व कुम्भा महल सबसे ऊपर है। जब भी पर्यटक राजसमन्द घूमने के लिए आते हैं तो इस दुर्ग पर जाना नहीं भूलते हैं।
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