नई दिल्ली। विवादास्पद हथियार डीलर अभिषेक वर्मा का कहना है कि वे मेक इन इंडिया पहल के तहत लिथुआनिया के एक ब्रांड को भारत में लाएंगे और कोला व फूड बाजार में उतरेंगे। इसी तरह उनका अपना वितरण नेटवर्क शुरू करने की योजना है।
चार साल जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आए वर्मा ने कहा कि हथियार क्षेत्र में अपने ‘हाथ पूरी तरह जलाकर’ वे इससे निकल गए हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्मा व उनकी रोमानियाई पत्नी के खिलाफ कुल मिलाकर आठ मामले दर्ज हैं।
वर्मा ने यहां कहा,‘ हम जिंस व खाद्य क्षेत्र में उतर रहे हैं। हमने सोच समझकर फैसला किया है कि हम सरकार के साथ विशेषकर रक्षा क्षेत्र में कोई कारोबार नहीं करेंगे।’
उन्होंने कहा,‘ हम कुछ खाद्य उत्पादों के साथ साथ एक कोला ब्रांड भारत में ला रहे हैं। सरकार की मेक इन इंडिया योजना के तहत हम इन उत्पादों का विनिर्माण भारत में करेंगे।’
भारत में वह लिथुआनिया का जो ब्रांड लेकर आ रहे हैं वह ओलिआलिया के साथ संयुक्त उद्यम में आएगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने दावा किया कि उन्होंने रक्षा क्षेत्र से कोई धन नहीं कमाया।
उन्होंने कहा,‘जहां तक रक्षा क्षेत्र का सवाल है, वे सब आरोप हैं। हमने कुछ रक्षा परियोजनाओं के लिए बोली लगाई, हम असफल रहे और हम निकल आए। हम उस क्षेत्र से हट गए। हमने धन दूरसंचार क्षेत्र में कमाया। विविधिकरण में कोई नुकसान नहीं है।
उल्लेखनीय है कि वर्मा को नैवी वार रूम लीक मामले में 2006 में पहले गिरफ्तार किया गया। साल 2012 में उनकी फिर गिरफ्तारी हुई थी।