NPS पर नया नियम! निवेशकों को मिलती है 3 पेंशन फंड मैनेजर चुनने की सुविधा, जानें कैसे होगा फायदा?

Samachar Jagat | Sunday, 03 Dec 2023 08:26:25 PM
New rule on NPS! Investors get the facility to choose 3 pension fund managers, know how they will benefit

लोकप्रिय रिटायरमेंट स्कीम एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) के निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। पेंशन नियामक पीएफआरडीए (पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण) ने एनपीएस ग्राहकों के लिए एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि अब निवेशक विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों के लिए अधिकतम तीन पेंशन फंड मैनेजर चुन सकते हैं।


एनपीएस विभिन्न परिसंपत्तियों में निवेश कर सकता है

एनपीएस ग्राहक इस निवेश के तहत विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में निवेश कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं- इक्विटी (ई), सरकारी बॉन्ड (जी), कॉर्पोरेट बॉन्ड (सी) और वैकल्पिक संपत्ति वर्ग (ए)।

क्या हैं नये नियम?

अभी तक एनपीएस सब्सक्राइबर्स को कई फंड मैनेजर चुनने की सुविधा नहीं थी। एक बार जब ग्राहक ने पेंशन फंड मैनेजर चुन लिया, तो एनपीएस के विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में निवेश किए गए पैसे का प्रबंधन उस फंड मैनेजर द्वारा किया जाता था। यानी पहले हर एसेट को एक फंड मैनेजर मैनेज करता था, लेकिन अब सब्सक्राइबर्स हर एसेट क्लास के लिए अलग-अलग फंड मैनेजर चुन सकते हैं।

इन शर्तों को याद रखना होगा

नई सुविधा के साथ पीएफआरडीए ने कुछ शर्तें भी रखी हैं। जैसे कि-

1. इस सुविधा का उपयोग करने के लिए, ग्राहकों को परिसंपत्ति आवंटन के लिए सक्रिय विकल्प का विकल्प चुनना होगा, न कि ऑटो मोड का।
2. यह सुविधा वैकल्पिक परिसंपत्ति वर्गों में उपलब्ध नहीं होगी, केवल इक्विटी, सरकारी सुरक्षा और कॉर्पोरेट बांड परिसंपत्तियों में उपलब्ध होगी।
3. यह सुविधा केवल मौजूदा ऑल सिटीजन मॉडल (टियर-I), एनपीएस कॉर्पोरेट मॉडल (टियर-I) और टियर-II (सभी सब्सक्राइबर्स) श्रेणियों में ही उपलब्ध होगी। यानी टियर-1 एनपीएस खाता रखने वाले सरकारी कर्मचारी इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सकते हैं, उन्हें इसका लाभ तभी मिलेगा जब उनके पास टियर-2 खाता होगा।
4. योजना से जुड़ने वाले नए निवेशक पंजीकरण के तीन महीने बाद ही कई पेंशन फंड मैनेजर चुनने की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।

कैसे होगा फायदा?

उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आपने अपने एनपीएस निवेश के लिए फंड मैनेजर के रूप में एचडीएफसी पेंशन फंड को चुना है और आप इक्विटी और बॉन्ड में निवेश करते हैं, तो वही फंड आपके दोनों फंडों का प्रबंधन करेगा। लेकिन अब आप इक्विटी के लिए अलग फंड मैनेजर और बॉन्ड के लिए अलग फंड मैनेजर चुन सकेंगे। इसका फायदा यह होगा कि आप अपनी संपत्ति के हिसाब से बेहतर फंड मैनेजर चुन सकेंगे।


किस्तों में पैसे निकालने की सुविधा उपलब्ध है


पीएफआरडीए (पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि सब्सक्राइबर्स को चरणबद्ध तरीके से व्यवस्थित एकमुश्त निकासी की सुविधा मिलेगी। अब ग्राहक 75 वर्ष की आयु तक अपनी पेंशन राशि का 60 प्रतिशत मासिक, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक या वार्षिक रूप से निकालने का विकल्प चुन सकते हैं।



 


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