उत्पादन कटौती समझौते को लेकर तेल निर्यातक देशों के प्रमुख संगठन ओपेक और गैर-ओपेक देशों के बीच सहमति न होने की आशंका बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में मंगलवार को कच्चे तेल में तीन फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
ओपेक देश बुधवार से विएना में इस संबंध में बैठक करने वाले हैं। लेकिन, इससे पहले इराक, ईरान और सऊदी अरब जैसे देशों ने अड़यिल रुख अपनाकर समझौते की राह मुश्किल कर दी है।
लंदन में ब्रेंट क्रूड का वायदा 1.39 डॉलर लुढ़ककर 46.85 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। जनवरी का अमेरिकी स्वीट क्रूड वायदा भी 1.35 डॉलर फिसलकर 45.73 डॉलर प्रति बैरल बोला गया।
इंडोनेशिया के ऊर्जा मंत्री इग्नैशियस जोनन ने कहा है कि उन्हें भरोसा नहीं है कि ओपेक बैठक में उत्पादन कटौती को लेकर सहमति बन पाएगी। गैर-ओपेक देश रूस ने मंगलवार को ही इसकी पुष्टि कर दी कि वह ओपेक की बैठक में शामिल नहीं होगा।
हालाँकि, रूस ने यह जरूर कहा है कि बाद में इसे लेकर ओपेक तथा गैर-ओपेक देशों के बीच बातचीत हो सकती है। विश्लेषकों के अनुसार, तेल की कीमतों में उठापटक अभी जारी रहेगी।
रूस का तर्क है कि ओपेक देश कीमतों में संतुलन बनाने के लिए उत्पादन कटौती को लेकर सहमत तो हैं, लेकिन उनके बीच इस बात को लेकर विवाद है कि आखिर किस देश को कितनी कटौती करनी होगी।
इसके अलावा उन्हें यह भी आशंका है कि अगर यह समझौता हो गया और कच्चा तेल 50 डॉलर प्रति बैरल तक आ गया तो एशियाई देश कच्चा तेल के आयात के लिए गैर ओपेक देशों का रुख कर लेंगे।