मुंबई। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक का चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 99.6 प्रतिशत घटकर 20.7 करोड़ रूपए रह गया। इसके पीछे सबसे अहम कारण इसके फंसे कर्ज के प्रावधान में तीन गुना वृद्धि होना है। पिछले साल इसी तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 4,991.70 करोड़ रूपए रहा था।
शेयर बाजार को दी जानकारी में बैंक ने बताया कि समीक्षाधीन अवधि में हालांकि एकीकृत आधार पर उसकी कुल आय बढक़र 7,2918.4 करोड़ रूपए रही जो पिछले साल इसी अवधि में 6,6828.8 करोड़ रूपए थी।
आलोच्य अवधि में एकल आधार पर बैंक का मुनाफा 35 प्रतिशत घटकर 2538.32 करोड़ रूपए रहा जो पिछले साल यह 3,879.07 करोड़ रूपए था। इसी अवधि में एकल आधार पर बैंक की कुल आय 50,742.9 करोड़ रूपए रही जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 46,854.8 करोड़ रूपए थी।
समीक्षाधीन अवधि में बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां एनपीए उसके सकल रिण का 7.14 प्रतिशत रही जो पिछले साल इस दौरान 4.15 प्रतिशत थीं। इसी प्रकार बैंक का शुद्ध एनपीए उसके शुद्ध रिण का 4.19 प्रतिशत रहा जो पिछले साल 2.14 प्रतिशत था।