राजस्थली रिजॉर्ट में पकड़ी 5.50 करोड़ से अधिक की जीएसटी चोरी

Samachar Jagat | Saturday, 13 Apr 2024 12:34:18 PM
GST theft of more than Rs 5.50 crore caught in Rajasthali Resort

- राजस्थली रिजॉर्ट एंड स्टूडियो लि. में सीजीएसटी की छापेमारी का मामला
- जयपुर आयुक्तालय की एंटी इवेजन शाखा ने की हाल ही छापेमारी
- कम दर से जीएसटी भुगतान और जीएसटी भुगतान ही नहीं करने का मामला उजागर
- अब तक हुई दो करोड़ रुपए की वसूली

- विमल कोठारी -
जयपुर। जयपुर-दिल्ली रोड पर राजस्थली के नाम से लग्जरी रिजॉर्ट का संचालन करने वाली कम्पनी राजस्थली रिजॉर्ट एण्ड स्टूडियो लि. में 5.50 करोड़ से अधिक की जीएसटी चोरी पकड़े जाने का मामला सामने आया है। शाही और लग्जरी शादियों में बेहिसाब खर्च और किए जाने वाले खर्च पर जीएसटी भुगतान नहीं करने की शिकायतों की जांच कर रही केन्द्रीय माल व सेवा कर विभाग-सीजीएसटी के पास राजस्थली रिजॉर्ट में कुछ दिन पूर्व हुई शादियों में पर्याप्त जीएसटी का भुगतान नहीं किए जाने की शिकायत पहुंची। प्राथमिक जांच में शिकायत सही पाए जाने पर जयपुर आयुक्तालय की एंटी इवेजन शाखा के अधिकारियों ने राजस्थली रिजॉर्ट के यहां छापेमारी की, जिसमें निर्धारित दर की तुलना में कम दर से जीएसटी भुगतान और ग्राहकों को दी गई कई सेवाओं पर जीएसटी भुगतान ही नहीं करने का मामला उजागर हुआ। जांच के बाद राजस्थली रिजॉर्ट एण्ड स्टूडियो लि. के निदेशकों ने अधिकारियों को दो करोड़ रुपए जमा भी करा दिए हैं।

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गत वित्तीय वर्ष में उदयपुर में हुई शाही शादियों में किए जा रहे खर्च को लेकर आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा की सफल कार्रवाई के बाद सीजीएसटी विभाग भी कुछ ऐसे वैवाहिक स्थलों के चयन में जुट गया, जिनमें शादी-समारोह में काफी खर्च किया जाता है पर सरकार को जीएसटी का पर्याप्त भुगतान ही नहीं होता। विभाग ने एक सूचना की जांच के बाद राजस्थली रिजॉर्ट एंड स्टूडियो लि. की ओर से जयपुर-दिल्ली रोड पर संचालित राजस्थली रिजॉर्ट और इसके सी-स्कीम स्थित कार्यालय पर पिछले दिनों छापेमारी की कार्रवाई की। जांच के दौरान अधिकारियों ने अनेक दस्तावेज व उपकरण आदि भी बरामद किए, जिनमें कम्पनी की कारोबारी गतिविधियों का इन्द्राज था।

बताया जाता है कि कम्पनी अपने रेस्टोरेंट में दी जाने वाली सेवाओं पर केवल 5 फीसदी की दर से ही जीएसटी जमा करा रही थी, जबकि 7500 रुपए से अधिक प्रतिदिन का यहां किराया होने के कारण यह दर 18 फीसदी होती है। इसी तरह कम्पनी की ओर से रिजॉर्ट पर आयोजित इवेंट्स पर भी 5 फीसदी की दर से ही जीएसटी की वसूली की, जो कि 18 फीसदी की दर से होनी चाहिए थी। जांच में इस मुद्दे पर करीब 2.90 करोड़ की गड़बड़ी के प्रमाण अधिकारियों ने जुटाए।

सूत्र बताते हैं कि जांच में मिले दस्तावेज के अनुसार कम्पनी के रिजॉर्ट में आयोजित इवेंट्स में वसूली गई राशि और लेखा पुस्तिकाओं में प्रदर्शित राशि में भी बड़ा अंतर मिला। जिस दर से ग्राहकों को सेवाएं उपलब्ध कराई गई, उससे कम राशि की बिलिंग हुई। इस मामले में अधिकारियों के हाथ करीब 2.40 करोड़ रुपए का जीएसटी नहीं चुकाने के प्रमाण मिलने की सूचना है। इसी तरह कम्पनी के निदेशक जिस आवास का निजी उपयोग कर रहे थे, उसे भी किराए पर लिया जाना बता रहे थे, जिस पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म -आरसीएम के माध्यम से देय करीब 18 लाख के जीएसटी का भुगतान भी सरकारी खजाने में नहीं किया गया।

बताया जाता है कि कार्रवाई के बाद कम्पनी के निदेशक गिरीश अग्रवाल, आशा अग्रवाल और आकाश अग्रवाल ने अधिकारियों को करीब दो करोड़ रुपए की जीएसटी का भुगतान भी कर दिया। अधिकारी अब जब्त दस्तावेज व उपकरणों की विस्तृत पड़ताल करेंगे, जिसके आधार पर कुछ और खुलासे होने की उम्मीद की जा रही है। उल्लेखनीय है कि राजस्थली रिजॉर्ट एण्ड स्टूडियो लि. पर सीजीएसटी जयपुर आयुक्तालय ने जुलाई 2018 में भी छापेमारी की थी और एक करोड़ 70 लाख रुपए की सेवाकर व जीएसटी देयता निकाली। चूंकि उस समय एक करोड़ से अधिक जीएसटी राशि की चोरी की दशा में जीएसटी चुकाने के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी के प्रावधान थे, अत: कम्पनी के सभी निदेशक काफी समय तक भूमिगत रहे।



 


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