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जयपुर। राजस्थान की भजनलाल सरकार की ओर से गृह निर्माण सहकारी समितियों पर अंकुश के लिए अधिनियम में विशेष प्रावधान किए जाएंगे ताकि निजी कॉलोनाइजरों द्वारा की जाने वाली अनियमितताओं को रोका जा सके। इस बात की जानकारी नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने विधानसभा में दी है।
प्रश्नकाल में इस संबंध में सदस्य द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नया सहकारिता अधिनियम बनाया जाना प्रक्रियाधीन है। इस अधिनियम में गृह निर्माण सहकारी समितियों पर अंकुश के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे ताकि निजी कॉलोनाइजरों द्वारा की जाने वाली अनियमितताओं को रोका जा सके।
भजनलाल सरकार में मंत्री खर्रा ने कहा कि निजी क्षेत्र में विकसित की जाने वाली कॉलोनियां स्थानीय निकाय से अनुमोदन के बिना ही विकसित कर दी जाती हैं। इनमें आवश्यक सुविधाएं भी नहीं होती, जिसका नुकसान आमजन को उठाना पड़ता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि नवीन सहकारिता अधिनियम में गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा विकसित की जाने वाली कॉलोनियों में समस्त आवश्यक सुविधाएं विकसित किया जाना अनिवार्य होगा तथा नियमों का उल्लंघन करने पर कठोर कार्यवाही के प्रावधान होंगे।
अनियमितता पर कार्रवाई करने का विशेष प्रावधान नियमों में नहीं
उन्होंने कहा कि गृह निर्माण सहकारी समितियों का पंजियन सहकारिता अधिनियम के अंतर्गत किया जाता है। वर्तमान में पंजिकृत गृह निर्माण सहकारी समितियों की अनियमितता पर कार्रवाई करने का विशेष प्रावधान नियमों में नहीं है। उन्होंने जानकारी दी कि 1990 से 1998 की अवधि के मध्य विकसित की गई निजी कॉलिनियों की सम्पूर्ण जानकारी जेडीए और समस्त नगर निकायों को उपलब्ध कराई गई थी।
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