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जयपुर। भजनजाल सरकार ने कोचिंग सेंटरों की मनमानी और विद्यार्थियों में आत्महत्या को रोकने के लिए राजस्थान कोचिंग सेन्टर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025 विधानसभा में बुधवार को ध्वनिमत से पारित करवा दिया है। इससे पहले उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने सदन में विधयेक के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने सदन में कोचिंग विधेयक पर चर्चा के बाद कहा कि पहले संशोधन में कोचिंग संस्थानों के पंजीकरण के लिए न्यूनतम विद्यार्थियों की संख्या 50 से बढ़ाकर 100 की गई है ताकि छोटे व असंगठित कोचिंग सेंटर अपनी सुविधाएं विद्यार्थियों को उपलब्ध करा सकेंगे। दूसरे संशोधन में कोचिंग संस्थाओं द्वारा अनियमितता करने पर शास्ति को 2 लाख रुपए से घटाकर 50 हजार रुपए तथा द्वितीय बार में 5 लाख रुपए से घटाकर 2 लाख रुपए की गई। इसके बाद भी उल्लंघन जारी रहने पर पंजीकरण रद्द करने का प्रावधान किया गया है।
उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य विद्यार्थियों को सम्मान दिलाने के साथ सशक्त नागरिक बनाना भी है। विधेयक के द्वारा शिक्षा क्षेत्र में दूरगामी और महत्वपूर्ण सुधार सुनिश्चित किए गए हैं। अब कोई भी कोचिंग संस्थान बिना राजकीय पंजीकरण के संचालित नहीं हो सकेगा। पंजीकरण के लिए उचित मापदण्डों का ध्यान रखा जाएगा। कोचिंग संस्थान रैंकिंग नहीं बल्कि संस्कार के केन्द्र बनें, जहां विद्यार्थी सामाजिक मूल्यों को सीख सकें।
कोचिंग संस्थानों से लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है
उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि राज्य सरकार संतुलन और न्याय में विश्वास रखती है। इसका प्रमाण यह विधेयक है। कोचिंग संस्थानों का राज्य की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान है। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह विधेयक कोचिंग संस्थान विरुद्ध नहीं है बल्कि सभी कोचिंग संस्थानों द्वारा समान मापदंडों का पालन करवाने के लिए है। नियमों की पालना करने वाले कोचिंग संस्थानों को प्रोत्साहन मिलेगा। विद्यार्थियों में आत्महत्या को रोकने के लिए और मानसिक तनाव को दूर करने के लिए विधेयक में प्रावधान किए गए हैं। यह विधेयक राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के भावना के अनुरूप है।
PC: rajasthan.ndtv
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