डॉक्टर ने मृत घोषित किया, कुछ देर बाद फिर से जिंदा हो गया पेसेंट,हर कोई हैरान है,परिजन खुश

Samachar Jagat | Tuesday, 11 Apr 2023 11:47:58 AM
The doctor declared dead, after some time the patient became alive again, everyone is surprised, the family is happy.

जयपुर। जिंदगी मौत को लेकर लोगों की तरह तरह के दावों के बीच जयपुर के सवाई मान सिंह हॉस्पिटल की  सर्जिकल आईसीयू में बहुत ही अजीबो गरीब मामला देखने को मिला है। हर कोई इस वाकिए  पर हैरान है। परेशान है की आखिर कार ऐसा भी कोई हो सकता है? बात की सत्यता को लेकर जो कुछ हुवा वह कुछ इस तरह है.....
झुंझुनूं जिले के खेतड़ी कस्बे में ६३ साल का वृद्ध रहता है। कॉपर प्रोजेक्ट में नौकरी के बाद, अनिवार्य रिटायर मेंट लेकर वही सटल हो गया।  बच्चे अच्छा खासा कमाने पर उनका बुढ़ापा आराम से काटने लगा था। तभी उन्हें पेट में दर्द की शिकायत रहने लगी। दर्द बेहद तेज होता था। पेन किलर दवा का भी  कोई। अ सर नहीं होता था। करीब तीन माह इसी मैं गुजर गए। लगातार दवा लेने के बाद भी जब पेसेंट को आराम नही मिला तो निकट के एक बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल में दिखाया। यहां सोनोग्राफी में पता चला की रोगी की आंत सड़ गई है। केश सीरियस होने पर  उसकी ओपन सर्जरी कर दी गई।
ऑपरेशन के बाद चिकित्सकों ने पेसेंट के परिजनों के साथ मीटिंग करके बताया की इनकी आंतों में जगह जगह घाव पाए जाने पर अर्जेंट ऑपरेशन करना होगा। करीब दो घंटे के बाद जब सर्जन ओटी से बाहर निकले तो उनके चेहरे पर मुस्कराहट ना देख कर, परिजन चिंतित हो गए। डॉक्टर के साथ मीटिंग में बताया गया कि मरीज की तो सारी आंतें सड़ कर , जगह से फट चुकी है। मरीज की हालत सीरियस होने पर  ऑपरेशन रोकना पड़ गया है। मरीज के परिजन इस पर अपने पेसेंट को चौमू के निकट एक बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल में दिखा कर,वहां भर्ती करवा दिया। यहां फिर से ऑपरेशन हुवा। लेकिन दुर्भाग्य से यह सर्जरी भी फेल रही। दोनो हॉस्पिटल में उपचार पर इस परिवार पर सात आठ लाख का खर्च आया। अंत में परिचितों की सलाह पर पेसेंट को जयपुर के सवाई मान सिंह  हॉस्पिटल में दिखाया। तमाम जांच के बाद यहां के चिकित्सकों ने बताया कि दो ऑपरेशन के बाद मरीज के शरीर में काफी कमजोरी आ चुकी है। साथ में शुगर की भी समस्या होने पर इसका ऑपरेशन नहीं किया जा सकता। इस बीच रोगी के लंग्स में इंफेक्सन के साथ साथ दमें की समस्या होने पर,रोगी को एसएमएस के आईसीयू में  शिफ्ट कर दिया। यहां वह वेंटिलेटर पर है। पिछले वीक में इस रोगी को सांस रुक गई। बीपी नब्ज भी बंद होने पर पेसेंट को। मरा हुवा घोषित करके, परिजनों को इस बाज के सूचना दे कर डेड बॉडी लेने के लिए कहा। कोई दस मिनट के बाद मरीज के निकट लगे मॉनिटर में फिर से हरकत होने लगी तो डॉक्टरों ने हार्ट को गतिशील बनाने के लिए कृत्रिम उपाय शुरू किए। तभी से यह रोगी फिर से याने मरने के बाद भी जिंदा होगया। मगर,  इसमें एक सस्पेंस यह भी बना हुवा है की वह मरेगा या जिंदा रहेगा कोई भी कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। रहा सवाल ऑपरेशन  का, इसके लिए वह अभी भी फिट नहीं है। सारी स्टोरी सस्पेंस मोड़ पर बनी हुई है।




 


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