फतेहपुर : जिले में आश्रम व्यवस्था से संचालित पंडित दीनदयाल उपाध्याय विद्यालय खसमऊ में दूषित खाना खाने से 67 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई. माना जा रहा था कि बच्चों का समय पर इलाज शुरू हो गया था, जो अब सभी बच्चों की हालत में स्थिर है। स्कूली भोजन में मिलावट इस घटना का मुख्य कारण है। यह भी कहा जा रहा है कि यह सब गड़बड़ी उस फर्म की ओर से हुई है, जिसकी ओर से स्कूली बच्चों के लिए खाने की व्यवस्था की जाती है. दरअसल, बच्चों को कच्चा खाना और मिलावटी दूध भी दिया जा रहा था, जिससे बच्चों की सेहत खराब होने लगी.
दिया जाता है बासी खाना: इस भोजन वितरण व्यवस्था में इतनी खामियां पाई गई हैं कि बच्चे इसका शिकार हो रहे हैं. बच्चों का कहना है कि उन्हें ज्यादातर बासी खाना ही दिया जाता है। उपलब्ध दूध की गुणवत्ता भी बहुत बेकार है। कभी-कभी उन्हें खट्टा दूध पीने के लिए दिया जाता था। इस लगातार भोजन के कारण अचानक ही बच्चों की तबीयत बिगड़ गई और सभी को उल्टी, दस्त की शिकायत होने लगी। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम स्कूल पहुंची और बच्चों को दवा उपलब्ध कराई.
गंदगी भी है परेशानी : खाना ही नहीं स्कूल की अन्य व्यवस्थाओं से भी बच्चों को परेशानी होती है। बच्चों ने यह भी बताया है कि उनके कमरे और शौचालय भी सही समय पर साफ नहीं होते हैं। स्कूल परिसर चारों ओर गंदगी से पट गया है। रात में जब लाइट चली जाती है तो टॉर्च की रोशनी में पढ़ाई करनी पड़ती है। सवाल उठ रहे हैं कि बच्चों के बेहतर विकास की बात कहकर बच्चों की पढ़ाई और भविष्य से खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है।
हद तो तब हो जाती है जब मामले की शिकायत स्कूल प्रबंधन से की जाती है और वे उनकी अनदेखी करते हैं. इस मामले में डीएम समाज कल्याण अधिकारी केएस मिश्रा ने कहा है कि खसमऊ विद्यालय में बच्चों के बीमार होने की सूचना है. बीमार बच्चों की जांच के लिए स्वास्थ्य टीम भेजकर दवा दी गई है। स्कूल में बच्चों को दूषित खाना देने की शिकायत मिली है। संबंधित फर्म को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है, जिस पर फूड प्रोवाइडर को नोटिस जारी किया गया है।