ट्रैफिक लाइट से जुडी ये 5 खास बातें...

Samachar Jagat | Monday, 04 Jul 2016 10:07:52
5 important things about to the traffic lights ...

आज ट्रैफिक लाइट हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गई है। आज इसके बिना सड़कों पर भीड़ को कंट्रोल करना काफी मुश्किल हैं। ऐसे में आइए जानें उससे जुड़ी खास 5 बातें...

रंगों की पहचान जरूरी:

आज ट्रैफिक लाइट तीन रंगों में काम करती हैं। कई दशकों से लाल, पीली और हरी बत्तियां हमारे शहरों के यातायात को संभालती आ रही हैं। ऐसे में सबको रंगों के इस कोड की जानकारी होना बेहद जरूरी है। जिसमें साफ है कि लाल बत्ती का मतलब है कि रुकने का संकेत दिया जा रहा है। पीली लाइट हमें इंतजार करने का इशारा करती है। इसके साथ ही हरी लाइट जाने के लिए इंडीकेट करती है।

पहली ट्रैफिक लाइट लगाई

ट्रैफिक लाइट का अविष्कर 1912 में एक पुलिस अधिकारी लेस्र वायर ने अमेरिकी शहर क्लीवलैंड में शुरू किया था। इसके बाद वहां पर 5 अगस्‍त 1914 को पहली ट्रैफिक लाइट लगाई गई। तब से लेकर आज तक ट्रैफिक लाइट सड़कों के साथ हमारे जीवन को भी रोशन करती आ रही हैं। हालांकि वक्त और टेक्नोलॉजी के साथ साथ इसका रूप भी बदलता जा रहा है।

पीली का अविष्कार 1940 में

आज मुख्‍य रूप से तीन ट्रैफिक लाइटों का प्रयोग होता है। जिसमें ग्रीन रेड और यलो लाइटे शामिल हैं, लेकिन ट्रैफिक लाइटें जब शुरू हुई थीं उस समय सिर्फ दो ही लाइटे थीं। पुलिस अधिकारी रहे ट्रैफिक लाइटों के अविष्कारक लेस्‍टन ने जब लाइटों का अविष्कार किया था तब शुरूआती दौर में पीली ट्रैफिक लाइटें ही थीं। इस लाइट का अविष्‍कार 1940 में हुआ। सबसे खास बात तो यह है कि इन लाइटों के आने से कई बड़े परिवर्तन हुए। इस दौरान ट्रैफिक लाइट के जरिए ही सड़कों की भीड़ को कंट्रोल करने पर भी उनकी पूरी टीम ने गहन मंथन किया था।

1990 में एक बड़ा बदलाव

इसके बाद 1990 में एक और बड़ा बदलाव आया। अब इसे सड़क पर चलने के लिए लोगों को जागरूक करने की दिशा में प्रयास हुआ। इसे एक घड़ी की तरह चलाया गया। जिससे मार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं पर थोड़ा काबू पाया जा सके। इस दौरान 1996 में इसके सबसे पहले हैम्पटन और वर्जीनिया में लगाया। जिससे इस दौरान मार्ग दुघर्टनाओं में काफी कमी पाई गई। इसके बाद धीरे कई देशों ने इन्‍हें अपने यहां अपना लिया। जिसे आज ये ट्रैफिक लाइट कई शानदार फंक्‍शन के साथ काम कर रही हैं।

इंग्‍लैड में पहली ट्रैफिक लाइट

इंग्‍लैंड में 1868 पहली ट्रैफिक लाइट का अविष्‍कार किया गया था, लेकिन इस दौरान एक पुलिस कर्मी की मौत हो जाने से यह छोड़ दी गई थी। उस समय हुए शोध का आइडिया भी काफी ओरिजिनल था। उस समय वहां पर घोड़ागाड़ी, माल ढोने वाले रेहड़ों और पैदल चलने वाले यात्रियों के ट्रैफिक कंट्रोल करना होता था। इस दौरान इस प्रोजेक्‍ट पर काफी तेजी से गुप्‍त रूप से काम हो रहा था। इसके बाद यह प्रोजेक्‍ट लीक हो गया और जो पुलिस आफिसर इसे बना रहा था उसकी हत्‍या हो गई। इसके बाद यह प्रोजेक्‍ट बंद हो गया। इसके बाद 1926 में अमेरिका इलेक्‍ट्रिक ट्रैफिक लाइटे लगाई गई थीं।



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
रिलेटेड न्यूज़
ताज़ा खबर

Copyright @ 2025 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.