भारतीय मूल के तमिल कामगारों को समाज से जोड़ने के लिए एक समिति का गठन करेगी सरकार : Wickremesinghe

Samachar Jagat | Monday, 31 Oct 2022 12:43:33 PM
Government will constitute a committee to connect Tamil workers of Indian origin with society: Wickremesinghe

कोलंबो : श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिघे ने कहा कि उनकी सरकार पहाड़ी बागान क्षेत्रों में भारतीय मूल के तमिल कामगारों को बेहतर तरीके से समाज से जोड़ने पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन करेगी। विक्रमसिघे ने यह बयान रविवार को कोलंबो में एक कार्यक्रम के दौरान दिया।

मध्य प्रांत (सेंट्रल प्रोविस) में भारतीय मूल के तमिलों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी 'सीलोन वर्कसã  कांग्रेस 
(सीडब्ल्यूसी) के अनुरोध पर केंद्र शासित प्रदेश (भारत के) पुडुचेरी द्बारा दान की गई दवाओं की एक खेप को स्वीकार करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। राष्ट्रपति विक्रमसिघे ने कहा, '' हिल कंट्री मूल के कुछ तमिल श्रीलंकाई समाज में अच्छी तरह से घुलमिल गए हैं, लेकिन कुछ अब भी ऐसा नहीं कर पाएं हैं.... हम समाज में घुलने मिलने के वास्ते उनकी सहायता के लिए कदम उठाएंगे।’’

विक्रमसिघे ने कहा कि सरकार यह जानने के लिए एक समिति गठित करेगी कि 'हिल कंट्री’ मूल के तमिलों को श्रीलंकाई समाज से और अधिक कैसे जोड़ा जा सकता है। राष्ट्रपति ने तत्कालीन भारतीय और श्रीलंकाई नेताओं के बीच सिरिमा-शास्त्री संधि का जिक्र किया, जिसके तहत भारतीय मूल के कुछ तमिलों को वापस भेजा गया था। इस समझौते पर 30 अक्टूबर 1964 को श्रीलंका और भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्रियों सिरिमावो भंडारनायके और लाल बहादुर शास्त्री ने हस्ताक्षर किए गए थे।

विक्रमसिघे ने कहा कि यह सीलोन वर्कसã  कांग्रेस के संस्थापक दिवंगत सौम्यमूर्ति थोंडामन थे जिन्होंने कुछ लोगों के लिए नागरिकता प्राप्त की थी, जिन्हें सिरिमा-शास्त्री संधि के साथ वापस जाना था लेकिन उन्होंने श्रीलंका में रहने का फैसला किया। उन्होंने कहा, '' सरकार पहाड़ी क्षेत्र में भारतीय मूल के लोगों के लिए मकान बनाने और उन्हें जमीन देने को भी प्रोत्साहित कर रही है क्योंकि उनके पास भी पहाड़ी देश में अन्य समूहों की तरह अपनी जमीन और रहने के लिए जगह होनी चाहिए।’’ 



 

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