दना पॉइंट (अमेरिका) : भारतीय मूल की प्रख्यात अमेरिकी अटॉर्नी हरमीत ढिल्लों 'रिपब्लिकन नेशनल कमेटी’ (आरएनसी) के अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं जीत सकीं। शुक्रवार को हुए इस हाई-प्रोफाइल चुनाव में रोना मैकडेनियल को एक बार फिर आरएनसी अध्यक्ष चुन लिया गया।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की करीबी माने जानी वाली मैकडेनियल का कार्यकाल दो साल का होगा। गुप्त मतदान के जरिये हुए चुनाव में उन्हें 111 वोट मिले, जबकि ढिल्लों को 51 मत हासिल हुए। वहीं, माईपिलो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) माइक लिडेल को चार वोटों से संतोष करना पड़ा। इस चुनाव ने रिपब्लिकन पार्टी में अंदरूनी स्तर पर बढ़ते विभाजन को उजागर कर दिया है, जो 2024 में अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनावों में उसकी संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।
आरएनसी अध्यक्ष पद का चुनाव दक्षिणी कैलिफोर्निया के रिसॉर्ट में हुआ था, जहां सभी 50 प्रांतों के आरएनसी मतदाता समूह के 168 सदस्य (कार्यकताã और निर्वाचित पदाधिकारी) इकट्ठा हुए थे। नतीजे घोषित होने के फौरन बाद मैकडेनियल ने अपने प्रतिद्बंद्बियों को मंच पर आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, “हम सब के एकजुट होकर काम करने पर 2024 के चुनाव में डेमोक्रेट्स (पार्टी) को हमारी गूंज सुनाई देगी।”
इस जीत के साथ मैकडेनियल गृह युद्ध के बाद सबसे लंबे समय तक आरएनसी अध्यक्ष पद पर सेवाएं देनी वाली शख्स बन गई हैं। ट्रंप ने 2016 में आरएनसी का नेतृत्व करने के लिए उनका चयन किया था। मैकडेनियल की मुख्य प्रतिद्बंद्बी और ट्रंप की वकील ढिल्लों ने पत्रकारों से कहा, “पार्टी एकजुट नहीं है। पार्टी में अभी जिस तरह की गतिविधियां चल रही हैं, उससे कोई भी एकजुट नहीं रहने वाला है। ऐसा लगता है कि ज़मीनी स्तर के नेताओं और कार्यकर्ताओं को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।” ट्रंप ने मैकडेनियल का निजी तौर पर समर्थन किया था। पूर्व राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर मैकडेनियल को आरएनसी अध्यक्ष पद के चुनाव में उनकी जीत के लिए बधाई भी दी।