लंदन | ब्रिटेन के नए महाराजा चाल्र्स तृतीय ने देश की धार्मिक विविधता और राष्ट्रमंडल के विभिन्न समुदाय की संप्रभुता की रक्षा करने के 'अतिरिक्त कर्तव्य’ का संकल्प लिया। चाल्र्स ने बकिघम पैलेस के बाउ रूम में शुक्रवार शाम को विभिन्न धर्मों एवं संप्रदायों के नेताओं के समूह को संबोधित करते हुए कहा कि उनका हमेशा से विचार रहा है कि ब्रिटेन ''विभिन्न समुदायों का समुदाय’’ है। दिवंगत महारानी एलिबेथ द्बितीय के ताबूत को वेस्टमिस्टर हॉल तक अंतिम यात्रा से पहले इसी कक्ष में रखा गया था।इसमें ब्रिटेन में हिदू, सिख, इस्लाम और बौद्ध संगठनों के प्रतिनिधि तथा कैथोलिक गिरजाघर, ग्रीक ऑर्थोडॉक्स गिरजाघर, चर्च ऑफ स्कॉटलेंड के पादरियों के साथ ही लंदन के प्रमुख रब्बी और एक पारसी पुजारी शामिल हुए।
इस बैठक में शामिल हुए लोगों में 'नेटवर्क ऑफ सिख ऑर्गेनाइजेशंस’ (एनएसओ) के निदेशक लॉर्ड इंद्रजीत सिह भी शामिल थे।
विभिन्न धर्मों-संप्रदायों के करीब 30 नेताओं को संबोधित करते हुए नए महाराजा ने कहा, '' ब्रिटेन को लेकर मेरा हमेशा से विचार रहा है कि यह समुदायों का समुदाय हो।’’ उन्होंने कहा,'' मेरा मानना है कि एक ऐसा अतिरिक्त कर्तव्य है जिसे औपचारिक रूप से अपेक्षाकृत कम मान्यता दी गई है लेकिन इसे किसी भी तरह से कमतर नहीं समझा जा सकता है। यह कर्तव्य हमारे देश की विविधता की रक्षा करना है, जिसमें विभिन्न आस्थाओं और धर्मों, संस्कृतियों, परंपराओं एवं विश्वास के जरिये उनके अनुपालन की रक्षा करना शामिल है।’’ उन्होंने कहा, ''विविधता केवल हमारे देश के कानूनों में समाहित नहीं है बल्कि यह मेरी आस्था से भी जुड़ी है।’’
आंग्ल ईसाई संप्रदाय के प्रति प्रतिबद्ध चाल्र्स ने कहा कि वह सभी आस्थाओं की रक्षा करने और अपनी ''प्यारी मां’’ द्बारा तैयार किए गए आधार को मजबूत करने में विश्वास करते हैं। महाराजा के तौर पर चाल्र्स अब चर्च ऑफ इंग्लैंड के प्रमुख है।उन्होंने इसकी पुष्टि की कि संभावित रूप से अगले साल होने वाले उनके राज्याभिषेक में कोई बदलाव नहीं होगा और महाराजा का पद संभालने पर वह पहले ही स्कॉटलैंड में प्रोटेस्टेंट धर्म की रक्षा का संकल्प लेने वाली शपथ लेकर इतिहास में अन्य महाराजों के पद्चिह्नों पर ही चले हैं। चाल्र्स ने कहा कि हालांकि, चर्च ऑफ इंग्लैंड का सदस्य होने के नाते ईसाई धर्म के लिए उनके दिल में प्यार है और वह अन्य आध्यात्मिक मार्गों का अनुसरण करने वाले लोगों के साथ ही धर्मनिरपेक्ष विचारों के अनुसार अपना जीवन जीने की इच्छा रखने वाले लोगों का सम्मान करने का कर्तव्य महसूस करते हैं।
इस कार्यक्रम के तुरंत बाद चाल्र्स लंदन के वेस्टमिस्टर हॉल में रखे दिवंगत महारानी के ताबूत को देखने गए। यह ताबूत सोमवार को दिवंगत महारानी के राजकीय सम्मान के साथ होने वाले अंतिम संस्कार तक यही रखा जाएगा। वेस्टमिस्टर हॉल में उनके छोटे भाई-बहन प्रिंस एंड्रयू और एडवर्ड तथा प्रिंसेस एनी भी आयीं। महारानी एलिजाबेथ द्बितीय के सैन्य वर्दी पहने बच्चे 10 मिनट तक अपना सिर झुकाकर खड़े रहे। दिवंगत महारानी का सोमवार को वेस्टमिटर एबे में अंतिम संस्कार किया जाएगा।