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पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार गिरावट की ओर जा रही है। रमज़ान के इस पवित्र महीने में भी देश में महंगाई अपने चरम पर पहुंच चुकी है। लोगों के लिए खाना पकाना भी एक बड़ी चुनौती बन चुका है।
गैस की किल्लत और बढ़ती महंगाई
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के कई शहरों में एलपीजी गैस की भारी किल्लत देखी जा रही है। महंगी एलपीजी होने के बावजूद इसकी आपूर्ति बाधित हो रही है, जिससे सहरी और इफ्तार तैयार करने में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कराची और रावलपिंडी जैसे बड़े शहरों में भी गैस आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई थी।
एलपीजी सिलेंडर की कीमतों की बात करें तो पाकिस्तान में 11.67 किलो के घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 3000 से 3500 पाकिस्तानी रुपये (PKR) तक पहुंच गई है। वहीं, भारत में 14 किलो का घरेलू गैस सिलेंडर लगभग 800 रुपये में उपलब्ध है। दिसंबर 2025 में पाकिस्तान में एक सिलेंडर की औसत कीमत 3400 रुपये थी, जबकि फरवरी 2024 में इसकी कीमत 3500 रुपये थी।
खाने-पीने की चीजों के दाम
महंगाई के कारण पाकिस्तान में जरूरी खाद्य सामग्री की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। दूध की कीमत 226 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है। अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतें इस प्रकार हैं:
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दूध - 226 रुपये प्रति लीटर
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टमाटर - 164 रुपये प्रति किलो
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आलू - 107 रुपये प्रति किलो
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चावल - 341 रुपये प्रति किलो
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चिकन - 788 रुपये प्रति किलो
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संतरा - 214 रुपये प्रति किलो
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बियर (500 ml) - 799 रुपये
इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहनों की कीमतें भी आसमान पर
सिर्फ खाद्य सामग्री ही नहीं, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहनों की कीमतें भी पाकिस्तान में बहुत अधिक हो गई हैं। भारत में जहां 40 इंच का फ्लैट स्क्रीन टीवी 20,000 रुपये में मिल जाता है, वहीं पाकिस्तान में इसकी कीमत लगभग 61,383 रुपये है।
कार और बाइक की कीमतें भी कई गुना अधिक हो गई हैं। भारत में जहां मारुति ऑल्टो कार 4 से 5 लाख रुपये में मिलती है, पाकिस्तान में इसकी कीमत 30 लाख रुपये (PKR) तक पहुंच चुकी है।
आमदनी और बेरोजगारी की मार
महंगाई के बीच पाकिस्तान में बेरोजगारी भी तेजी से बढ़ रही है। जो लोग रोजगार में हैं, उनकी औसत मासिक आय 52,000 पाकिस्तानी रुपये है। ऐसे में आम जनता के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है, और बचत करना तो दूर की बात हो गई है।
निष्कर्ष
पाकिस्तान में रमज़ान के दौरान भी महंगाई चरम पर बनी हुई है। गैस, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। देश की अर्थव्यवस्था लगातार गिरावट की ओर जा रही है, और लोग भारी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।