इस्लामाबाद | पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने देश में बिगड़ती धार्मिक स्वतंत्रता पर आधारित अमेरिकी रिपोर्ट को 'मनमाना और व्यक्तिपरक मूल्यांकन’ करार देते हुए खारिज कर दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार अहमद ने सप्ताहिक मीडिया विवरण में कहा है कि इस तरह की रिपोर्टों के साथ अंतर्निहित समस्या यह है कि ये प्रकृति में एकतरफा हैं और रचनात्मक जुड़ाव के तत्व से रहित हैं।
श्री अहमद ने कहा कि इस तरह की रिपोर्ट अक्सर जमीनी हकीकत तथा देश के प्रयासों को पूरी तरह से ध्यान में नहीं रखती हैं।उन्होंने कहा,'’इस समय हमने देखा है कि ऐसी रिपोर्टें हमेशा एकतरफा होती हैं। आप इन रिपोर्टों में अलग-अलग देशों में मानवाधिकारों की समस्याओं तथा अलग-अलग परिस्थितियों के संदर्भ और इन्हें पेश करने के तरीके में कुछ दोहरे मानदंड स्पष्ट रूप से देख सकते हैं।’’
श्री अहमद ने कहा कि पाकिस्तान सार्वभौमिक प्रकृति के मानवाधिकारों के सम्मान के लिए ढèता से प्रतिबद्ध है। यह देश में मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए तहे दिल से समर्पित है। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिए कई सुधार किए हैं और वह इन मामलों पर अपने सभी सहयोगियों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है।
अमेरिकी आयोग की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर वर्ष 2022 की रिपोर्ट ने पाकिस्तान को'विशेष चिता का देश’के रूप में फिर से नामित करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में देश पर अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम द्बारा परिभाषित धार्मिक स्वतंत्रता के व्यवस्थित और गंभीर उल्लंघन में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।