Sri Lankan Government : संविधान के 21वें संशोधन को लेकर श्रीलंका सरकार के भीतर मतभेद

Samachar Jagat | Wednesday, 01 Jun 2022 01:57:21 PM
Sri Lankan Government :  Differences within the Sri Lankan government over the 21st amendment to the constitution

कोलंबो |  श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिघे द्बारा संविधान में 21वां संशोधन कर राष्ट्रपति के बजाय संसद को अधिक शक्ति प्रदान करने की योजना का सत्तारूढ़ एसएलपीपी गठबंधन में ही विरोध हो रहा है। पार्टी सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
विक्रमसिघे ने रविवार को संविधान के 21वें संशोधन की वकालत करते हुए कहा कि इससे राष्ट्रपति की असीमित शक्तियों पर लगाम लगेगी और संसद की भूमिका और सुदृढ़ होगी जिससे कर्ज में डूबे देश को उबारने और आर्थिक संकट से निपटने में सहायता मिलेगी। श्रीलंका के संविधान में 21वें संशोधन से अनुच्छेद 20-ए के समाप्त होने की उम्मीद है जो राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को असीमित शक्तियां प्रदान करता है।

इस प्रस्ताव पर राजपक्षे परिवार के वफादारों ने आपत्ति जताई है जिनमें विशेष रूप से पूर्व वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे के समर्थक शामिल हैं। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और पूर्व प्रधानमंत्री महिदा राजपक्षे के छोटे भाई बेसिल के पास अमेरिका और श्रीलंका की दोहरी नागरिकता है तथा 21ए के अनुसार दोहरी नागरिकता वाला व्यक्ति सरकार में उच्च पदों पर आसीन नहीं हो सकता।सोमवार की शाम को हुई बैठक में राष्ट्रपति ने सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजना पेरमुना (एसएलपीपी) के सांसदों से कहा कि वह पूरी तरह 21ए के समर्थन में हैं। सूत्रों के अनुसार, बेसिल के समर्थक माने जाने वाले कुछ सांसदों ने विक्रमसिघे से कहा है कि आर्थिक संकट के इस दौर में संवैधानिक सुधारों की अपेक्षा लोगों को आर्थिक राहत देना ज्यादा जरूरी है। 



 

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