संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र की एक प्रमुख समिति ने एक बार फिर म्यांमा के सैन्य शासन जुंटा को संयुक्त राष्ट्र में देश का प्रतिनिधित्व करने से रोक दिया। मामले की जानकारी रखने वाले संयुक्त राष्ट्र के दो राजनयिकों ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बुधवार को बताया कि महासभा की 'क्रेडेंशियल कमेटी’ की सोमवार को हुई बैठक में जुंटा के अनुरोध पर गौर करने से इनकार कर दिया गया। इसकी औपचारिक घोषणा इस सप्ताह के अंत में की जा सकती है।
इस फैसले का मतलब है कि संयुक्त राष्ट्र में म्यांमा के राजदूत क्याव मो तुन अपने पद पर बने रहेंगे, जो एक फरवरी 2021 को सेना के देश की बागडोर अपने हाथ में लेने से पहले इस पद पर थे। म्यांमा के सैन्य शासन ने पिछले साल दिसंबर में भी तुन को हटाने का एक नाकाम प्रयास किया था। लंदन स्थित 'म्यांमार अकाउंटेबिलिटी प्रोजेक्ट’ के निदेशक क्रिस गुनस ने समिति के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ''ऐसे समय में जब अवैध तख्तापलट कर सत्ता में आए नेता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, इस फैसले के कई कूटनीतिक एवं प्रतीकात्मक मायने हैं।’’ गौरतलब है कि एक फरवरी 2021 को म्यांमा की सेना ने देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी और सू ची तथा म्यांमा के कई बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया था।