म्यांमार की सू ची से अपनी ‘‘अंतरात्मा की आवाज’’ सुने : यूएन

Samachar Jagat | Friday, 09 Dec 2016 10:05:08 PM
UN urges Myanmar's Suu Kyi to listen to her 'inner voice'

संयुक्त राष्ट्र। म्यांमार के उत्तरी रखाइन राज्य में रोहिंग्या संकट से चिंतित संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने वाले भारत के पूर्व शीर्ष राजनयिक ने देश की नेता आंग सान सू ची से अपनी ‘‘अंतरात्मा की आवाज’’ सुनने तथा वहां मौजूद लोगोंं को सुरक्षा का आश्वासन देने का अनुरोध किया।

म्यांमार मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष सलाहकार विजय नाम्बियार ने कहा कि मैं अनुरोध करता हूं कि दाव आंग सान सू ची अंंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को सुनें और समझें।

उन्होंंने कहा कि हालांंकि, म्यांमार के अधिकारियों द्वारा कट्टरपंथियोंं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से इनकार करना और स्थानीय आबादी को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाने के स्थान पर सामान्य रूप से रक्षात्मक रवैया अपनाने से स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निराशा की स्थिति है।

नाम्बियार ने कहा कि इन चिंंताओंं को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाकर ही सरकार इस संकट को दूर कर सकेगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी साख बचा सकेगी।

मुसलमान रोहिंग्या समुदाय का आवास उत्तरी रखाइन पिछले महीने से ही सैन्य घेरेबंंदी मेंं है।

नोबल पुरस्कार से सम्मानित सू ची की सैन्य अभियान को नहीं रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है। इस अभियान के कारण 20,000 से ज्यादा रोहिंग्या लोगों को बांग्लादेश खदेड़ दिया गया और इस दौरान बलात्कार, हत्या और आगजनी की खबरें आई।

न्यूयॉर्क में गुरुवार को जारी वक्तव्य में नंबियार ने शांति दूत से सीधे दखल देने की अपील की है।

लंबे अंतराल के बाद, पिछले साल हुए पहले लांकतांत्रिक चुनाव में सू ची की पार्टी जीती थी, जिसके बाद से यह खूनखराबा उनके समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है।

रखाइन में हिंसा वर्ष 2012 में शुरू हुई थी जिसके बाद से 120,000 से अधिक लोग अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं।



 

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