आंवला पारंपरिक रूप से आयुर्वेदिक दवाओं का एक हिस्सा रहा है। आयुर्वेद में, इसके कई स्वास्थ्य लाभों के कारण इसे दिव्यौषध या दैवीय औषधि कहा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, आंवला शरीर में तीन दोषों- कफ, बाटा और पित्त को संतुलित करने में मदद कर सकता है और कई बीमारियों को खत्म कर सकता है।
स्वास्थ्य प्रतिरक्षा को बढ़ावा देता है

आंवला पॉलीफेनोल्स और विटामिन सी से भरपूर होता है, ये दोनों ही पाचन और प्रतिरक्षा संबंधी कार्यों को लाभ पहुंचाते हैं। फल शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हुए वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर की सुरक्षा को मजबूत करता है।
पाचन में सुधार करता है
आंवला की हाई फाइबर मल त्याग के नियमन में सहायता करती है, जिसके परिणामस्वरूप पाचन तंत्र से संबंधित कब्ज को कंट्रोल किया जाता है। इसके अलावा, आंवला पेट की बीमारी की समस्या को कम करता है, जो पाचन, अवशोषण और भोजन के अवशोषण में तेजी लाने के लिए महत्वपूर्ण हैं और परिणामस्वरूप अम्लता को रोकता है।

स्वस्थ त्वचा बनाए रखता है
आंवला का उपयोग मुँहासे और आंवले का रस नियमित रूप से पीने से समय से पहले बूढ़ा होने से रोकने में मदद मिलती है और स्किन में चमक आती है। आंवला स्किन के निशानों को हल्का करने और आपकी स्किन को एक स्वस्थ चमक देने में मदद कर सकता है।

बालों को सुन्दर बनाता है
आंवले का रस एक प्रसिद्ध हेयर टॉनिक है। इसमें जरुरी फैटी एसिड की उच्च मात्रा होती है, जो बालों के रोमछिद्रों में गहराई तक प्रवेश कर बालों का सफेद होना कम करता है, रूसी को रोकता है और बालों के रोम को मजबूत करता है। आयरन और कैरोटीन से भरपूर जामुन बालों के विकास को बढ़ावा देते हैं। आंवला एक प्राकृतिक कंडीशनर के रूप में भी काम करता है, जिससे आपके बाल रेशमी और चमकदार बनते हैं।