लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों के 5,80,084 पद हैं तथा फिलहाल सीधी भर्ती के ग्रामीण क्षेत्र में 51,112 तथा नगर क्षेत्र में 12,149 पद रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में सफाई कर्मचारी का पद स्वीकृत नहीं है।
सिंह ने प्रश्न काल के दौरान राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के सदस्य प्रसन्न कुमार के तारांकित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्बारा संचालित परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक के रूप में समायोजित 1,37,517 शिक्षामित्रों के समायोजन को सर्वोच्च न्यायालय द्बारा 25 जुलाई 2017 को निरस्त किये जाने के उपरान्त ग्रामीण क्षेत्र के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के प्रथम चरण में 68500 तथा द्बितीय चरण में 69000 पदों पर चयन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी थी, जिसके क्रम में 68500 पदों पर चयन की कार्यवाही की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती उच्च न्यायालय में लंबित विभिन्न वादों के कारण सम्प्रति विचाराधीन है। सिह ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में सफाई कर्मचारियों की भर्ती का प्रश्न नहीं उठता है। शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाये जाने के समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य अवधेश प्रसाद के पूरक प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि जिन 15240 शिक्षा मित्रों ने निर्धारित मानक पूरा किया, उन्हें शिक्षक के रूप में तैनात किया गया है। रालोद सदस्य द्बारा छात्र और शिक्षकों के बीच अनुपात पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में एक 30 छात्रों पर एक शिक्षक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 35 बच्चों पर एक शिक्षक का अनुपात है।
उन्होंने बताया कि राज्य में 6,28,915 अध्यापक, एक लाख 47 हजार 767 शिक्षा मित्र और 27 हजार अनुदेशक हैं। स्कूलों में साफ सफाई पर उन्होंने कहा कि गांवों में तैनात सफाई कर्मी ही स्कूलों की सफाई करते हैं। इस बीच हस्तक्षेप करते हुए सपा सदस्य लालजी वर्मा ने कहा कि गांवों में सफाई कर्मियों को गोशाला की सफाई के लिए तैनात कर दिया गया है और अब न गांवों में सफाई हो पा रही है और न ही स्कूलों में सफाई हो पा रही है। वर्मा ने यह भी कहा कि शिक्षकों से पढ़ाई कराये जाने के अलावा मतदाता सूची बनवाने से लेकर जनगणना कराये जाने तक के कार्य लिए जा रहे हैं और ऐसे में पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती है। इसके जवाब में मंत्री सिह ने दावा किया कि शिक्षकों से पुराने समय में जिस तरह के कार्य कराये जाते थे,उसे समाप्त कर दिया गया है।