नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और उद्योगपति नवीन जिंदल, पूर्व कोयला राज्य मंत्री दासारी नारायण राव और अन्य लोगों से जुड़े कोयला घोटाले के मामले में सीबीआई द्वारा अपनी जांच पर टुकड़ों में रिपोर्ट दाखिल करने पर आज विशेष सीबीआई अदालत ने नाराजगी जताई और कहा कि देरी से मुकदमे की प्रगति प्रभावित हो रही है।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पाराशर ने सीबीआई के जांच अधिकारी आईओ को निर्देश दिया कि जल्द रिपोर्ट दाखिल करने के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला एफएसएल के निदेशक को लिखित पत्र भेजा जाए क्योंकि मामले में मुकदमे में देरी हो रही है।
अदालत ने कहा, ‘‘आईओ ने मामले में दो सितंबर के बाद की गयी आगे की जांच की प्रगति रिपोर्ट दाखिल की है और इसके साथ पूरक गवाहों और दस्तावेजों की सूची भी जमा की है। आईओ को बताया गया है कि आगे जांच की रिपोर्ट टुकड़ों में जमा नहीं की जा सकती।’’
अदालत ने सीबीआई को पूरक गवाहों और दस्तावेजों की सूची लौटा दी और एजेंसी से उसे अंतिम प्रगति रिपोर्ट के साथ दाखिल करने को कहा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए और रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 16 नवंबर की तारीख तय की।
सुनवाई के दौरान सीबीआई अधिकारी ने कहा कि मामले में आगे की जांच लगभग पूरी है और हार्ड डिस्क तथा कुछ दस्तावेज एफएसएल को भेजे जा चुके हैं लेकिन रिपोर्ट का इंतजार है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने एफएसएल के अधिकारियों से रिपोर्ट जल्द देने को कहा है।
इससे पहले अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि गगन स्पंज आयरन प्राइवेट लिमिटेड जीएसआईपीएल के पूर्व निदेशक और आरोपी राधा कृष्ण सराफ की मौत के मामले की पड़ताल की जाए। सूचित किया गया था कि उनकी हाल ही में यहां दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गयी थी।
सीबीआई ने दो सितंबर को सीलबंद रिपोर्ट जमा की थी जिसमें जांच के दौरान रिकॉर्ड किये गये कुछ लोगों के बयान शामिल थे।
अदालत ने पहले सीबीआई की इस याचिका को स्वीकार कर लिया था कि उन्हें सीए सुरेश सिंघल के कुछ खुलासों के मद्देनजर मामले की जांच करने की जरूरत है। सिंघल ने सरकारी गवाह बनने के लिए अदालत से मंजूरी मांगी थी।