Nepal: चिकित्सकों की तीन घंटे की कोशिश के बाद भारतीय पर्वतारोही की सांस लौटी, हालत अब भी गंभीर।

Samachar Jagat | Monday, 24 Apr 2023 01:41:16 PM
Nepal: Indian climber's breath returned after three hours of doctors' efforts, condition still critical.

काठमांडू। नेपाल के अन्नपूर्णा पर्वत पर एक गहरी खाई में गिरने के बाद चमत्कारिक रूप से बचाए गए भारतीय पर्वतारोही अनुराग मालू की यहां स्थित एक अस्पताल के चिकित्सकों की तीन घंटे की मशक्कत के बाद धड़कन महसूस की गई और उनकी सांस लौट आई, लेकिन उनकी हालत ''अब भी गंभीर’’ है। अनुराग ने भाई ने यह जानकारी दी।

राजस्थान के किशनगढ़ के रहने वाले 34 वर्षीय अनुराग तीसरे शिविर से उतरते समय करीब 6,000 मीटर की ऊंचाई से गिरने के बाद गत सोमवार को लापता हो गए थे। अन्नपूर्णा पर्वत दुनिया का 10वां सबसे ऊंचा पर्वत है और दुर्गम चढ़ाई के लिए जाना जाता है। अनुराग के भाई आशीष मालू ने रविवार को बताया कि पर्वतारोही का काठमांडू के पास एक अस्पताल में उपचार किया जा रहा है और उनकी सेहत में सुधार के संकेत मिले हैं।

नेपाल में मौजूद आशीष ने कहा, ''अनुराग जब बेहोश हालत में अस्पताल लाए गए थे, तब उनकी धड़कन के कोई संकेत नहीं थे और वह सांस लेते भी नहीं दिख रहे थे।’’ उन्होंने कहा, ''चिकित्सकों की तीन घंटे की कोशिश के बाद उनकी धड़कन और सांस लौट आई।’’ उन्होंने बताया कि चिकित्सकों ने उनके दिल की धड़कन वापस लाने के लिए तीन घंटे तक 'कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन’ (सीपीआर) किया।

अनुराग ललितपुर जिले के भैसेपाटी स्थित मेडिसिटी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। आशीष ने कहा, ''चिकित्सकों का कहना है कि उनके स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, लेकिन उनकी हालत अब भी नाजुक है। हमें उनके पूरी तरह स्वस्थ होने की उम्मीद करनी चाहिए और सभी लोग उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।’’ उन्होंने शेरपाओं, काठमांडू में भारतीय दूतावास, भारत और नेपाल की सरकारों और नेपाल सेना समेत उन सभी के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने उनके भाई को बचाने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मदद की।

पर्वतारोहण अभियान के दौरान अनुराग के साथ गए एक वरिष्ठ पर्वतारोही चीपाल शेरपा ने रविवार को बताया कि भारतीय पर्वतारोही ने गलत रस्सी पकड़ ली थी, जिसके कारण वह गहरी खाई में गिर गए। शेरपा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''पहाड़ पर चढ़ने या उतरने वाली रस्सी को पकड़ने के बजाय अनुराग ने सामान ले जाने के लिए इस्तेमाल होने वाली रस्सी पकड़ ली थी, जो बहुत ही छोटी और बिना जोड़ वाली होती है।’’

शेरपा ने कहा कि 'सेवन समिट ट्रेक’ द्बारा आयोजित इस पर्वतारोहण अभियान में शामिल दल में अनुराग ही एकमात्र व्यक्ति थे, जो उस दिन पर्वत शिखर पर नहीं पहुंच सके थे। 



 


Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.