इंटरनेट डेस्क। केंद्र सरकार द्वारा भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस 15 नवम्बर को हर साल जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा हाल ही में की गई थी। जिसके अंतर्गत आज भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस पर जनजातीय गौरव दिवस पर पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि आज़ादी के इस अमृतकाल में देश ने तय किया है कि भारत की जनजातीय परंपराओं को, शौर्य गाथाओं को देश अब और भी भव्य पहचान देगा। इसी क्रम में ऐतिहासिक फैसला लिया गया है कि आज से हर वर्ष देश 15 नवंबर यानी भगवान विरसा मुंडा के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाएगा।
एएनआई न्यूज एजेंसी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा के कार्यों और उनके सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के ही दिन हमारे श्रद्धेय अटल जी की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण झारखण्ड राज्य भी अस्तित्व में आया था। ये अटल जी ही थे जिन्होंने देश की सरकार में सबसे पहले अलग आदिवासी मंत्रालय का गठन कर आदिवासी हितों को देश की नीतियों से जोड़ा था।
पीएम मोदी ने कहा कि आधुनिकता के नाम पर विविधता पर हमला, प्राचीन पहचान और प्रकृति से छेड़छाड़, भगवान बिरसा जानते थे कि ये समाज के कल्याण का रास्ता नहीं है। वो आधुनिक शिक्षा के पक्षधर थे, वो बदलावों की वकालत करते थे, उन्होंने अपने ही समाज की कुरीतियों के, कमियों के खिलाफ बोलने का साहस दिखाया।