जानिए! माता-पिता के संसर्ग के बिना कैसे हुआ द्रौपदी का जन्म

Samachar Jagat | Tuesday, 28 Feb 2017 04:52:20 PM
Draupadi born without the association of parents

महाभारत के युद्ध में द्रौपदी की एक अहम भूमिका थी, द्रौपदी पांडवों की पत्नी थी और भरी सभा में कौरवों ने उसका अपमान किया था। कौरवों से बदला लेने के लिए पांडवों ने उनसे युद्ध किया। क्या आप जानते हैं द्रौपदी का जन्म कैसे हुआ। वह एक साधारण कन्या नहीं थी उसकी उत्पत्ति हवन कुंड से हुई थी। आइए आपको बताते हैं द्रौपदी के जन्म से जुड़ी कथा के बारे में....

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द्रौपदी के जन्म की कथा :-

द्रोणाचार्य और द्रुपद बचपन के मित्र थे। राजा बनने के बाद द्रुपद को अंहकार हो गया। जब द्रोणाचार्य राजा द्रुपद को अपना मित्र समझकर उनसे मिलने गए तो द्रुपद ने उनका बहुत अपमान किया। बाद में द्रोणाचार्य ने पाण्डवों के माध्यम से द्रुपद को पराजित कर अपने अपमान का बदला लिया।

राजा द्रुपद अपनी पराजय का बदला लेना चाहते थे इसलिए उन्होंने ऐसा यज्ञ करने का निर्णय लिया, जिसमें से द्रोणाचार्य का वध करने वाला वीर पुत्र उत्पन्न हो सके। राजा द्रुपद इस यज्ञ को करवाले के लिए कई विद्वान ऋषियों के पास गए, लेकिन किसी ने भी उनकी इच्छा पूरी नहीं की।

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अंत में महात्मा याज ने द्रुपद का यज्ञ करवा स्वीकार कर लिया। महात्मा याज ने जब राजा द्रुपद का यज्ञ करवाया तो यज्ञ के अग्निकुण्ड में से एक दिव्य कुमार प्रकट हुआ। इसके बाद उस अग्निकुंड में से एक दिव्य कन्या भी प्रकट हुई। वह अत्यंत ही सुंदर थी। ब्राह्मणों ने उन दोनों का नामकरण किया।

वे बोले- यह कुमार बड़ा धृष्ट (ढीट) और असहिष्णु है। इसकी उत्पत्ति अग्निकुंड से हुई है, इसलिए इसका नाम धृष्टद्युम्न होगा और यह कुमारी कृष्ण वर्ण की है इसलिए इसका नाम कृष्णा होगा। द्रुपद की पुत्री होने के कारण कृष्णा ही द्रौपदी के नाम से विख्यात हुई।

(Source - Google)

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