भगवान कृष्ण ने देवकी के गर्भ से जन्म लिया इसके बाद भी पूरी दुनिया उन्हें यशोदानंदन कहकर पुकारती है। कृष्ण की मां के रूप में यशोदा को जाना जाता है, यह कोई इत्तफाक नहीं है बल्कि ये एक वरदान के परिणाम स्वरूप हुआ और इसके इसके पीछे एक कथा छिपी हुई है जो इस प्रकार है......
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जब भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया उस समय कैकेयी राम से बहुत प्रेम करती थी इसके बाद भी वह राम के वनवास का कारण बनी। लेकिन राम के मन में कैकेयी के प्रति स्नेह कम नहीं हुआ और वनवास से आने के बाद उन्होंने अपनी सगी मां कौशल्या के बराबर कैकेयी को आदर और सम्मान दिया । भगवान राम की इस उदारता को देखकर देवी कैकेयी ने राम से कहा कि पुत्र अगले जन्म में तुम मेरे गर्भ से जन्म लेकर मुझे अपनी माता बनने का सौभाग्य प्रदान करो। राम ने कैकेयी की इस इच्छा को पूर्ण करने के लिए अगले जन्म में उनके गर्भ से जन्म लेने का वचन दे दिया।
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राम अपनी माता कौशल्या को भी निराश नहीं करना चाहते थे। इसलिए राम ने कहा कि भले ही मैं माता कैकेयी का पुत्र बनकर अगला जन्म लूंगा लेकिन मैं आपका ही पुत्र कहलाऊंगा। भगवान राम के इस कथन के कारण श्री कृष्ण रूप में देवकी के गर्भ से जन्म लेकर भी कृष्ण यशोदा नंदन कहलाए।