जानिए! राम की 40 पीढ़ी और उनके पूर्वजों के बारे में

Samachar Jagat | Friday, 09 Dec 2016 05:16:01 PM
Rams 40 generation and their ancestors

अधिकतर सभी हिंदू घरों में भगवान राम की फोटो या मूर्ति होती है और सभी प्रतिदिन उनकी पूजा करते हैं। भगवान राम को तो सभी जानते हैं लेकिन उनके पूर्वजों के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। हम आपको यहां भगवान राम की 40 पीढ़ियों के बारे में बता रहे हैं। ये इस प्रकार है....

पीढ़ी की शुरूआत :- सबसे पहले ब्रह्मा की उत्पत्ति हुई।
दूसरी पीढ़ी :- ब्रह्मा जी के पुत्र थे मरीचि।
तीसरी पीढ़ी :- मरीचि के पुत्र कश्यप हुए।
चौथी पीढ़ी  :- कश्यप के पुत्र हुए विवस्वान।
पांचवी पीढ़ी  :- विवस्वान के पुत्र थे वैवस्वत।
छठी पीढ़ी  :- वैवस्वतमनु के दस पुत्र हुए , इनमें से एक का नाम था इक्ष्वाकु इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुलकी स्थापना हुई।

क्या आपको पता है पांडवों ने खाया था अपने मृत पिता के शरीर का मांस?

सातवी पीढ़ी  :- इक्ष्वाकु के पुत्र हुए कुक्षि ।
आठवीं पीढ़ी  :- कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था।
नवीं पीढ़ी  :- विकुक्षि के पुत्र बाण हुए।
दशवीं पीढ़ी  :- बाण के पुत्र थे अनरण्य।
ग्यारहवीं पीढ़ी  :- अनरण्य के पुत्र का नाम पृथु था।
बरहवीं पीढ़ी  :- पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ।
तेरहवीं पीढ़ी  :- त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए।
चौदहवीं पीढ़ी  :-  धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था।
पंद्रहवीं पीढ़ी  :-युवनाश्व के पुत्र हुए मान्धाता ।
सोलहवीं पीढ़ी  :-  मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ।
सत्रहवीं पीढ़ी  :- सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित।
अठारहवीं पीढ़ी  :-  ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए।
उन्नीसवीं पीढ़ी  :-  भरत के पुत्र हुए असित।
बीसवीं पीढ़ी  :-  असित के पुत्र सगर हुए।
इक्कीसवीं पीढ़ी  :-  सगर के पुत्र का नाम असमंज था।
बाइसवीं पीढ़ी  :-  असमंज के पुत्र अंशुमान हुए।
तेइसवीं पीढ़ी  :- अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए।
चौबीसवीं पीढ़ी  :- दिलीप के पुत्र भगीरथ थे।
पच्चीसवीं पीढ़ी :- भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे।

भगवान कृष्ण ने क्यों किया कर्ण का अंतिम संस्कार

छब्बीसवीं पीढ़ी  :- ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए, रघु एक तेजस्वी और पराक्रमी राजा थे, उनमे नाम पर ही इस वंश का नाम रधुकुल पड़ा।
सत्ताईसवीं पीढ़ी  :-  रघु के पुत्र हुए प्रवृद्ध।  
अठ्ठाइसवीं पीढ़ी  :-  प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे।
उनतीसवीं पीढ़ी  :-  शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए।
तीसवीं पीढ़ी  :- सुदर्शन के पुत्र का नाम था अग्निवर्ण।
इकत्तीसवीं पीढ़ी  :- अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए।
बत्तीसवीं पीढ़ी  :-  शीघ्रग के पुत्र हुए मरु।
तेतीसवीं पीढ़ी  :- मरु के पुत्र हुए प्रशुश्रुक।
चौंतीसवीं पीढ़ी  :- प्रशुश्रुक के पुत्र हुए अम्बरीष।
पैंतीसवीं पीढ़ी  :- अम्बरीष के पुत्र का नाम था नहुष।
छत्तीसवीं पीढ़ी  :- नहुष के पुत्र हुए ययाति।
सैंतीसवीं पीढ़ी  :-ययाति के पुत्र हुए नाभाग।
अठतीसवीं पीढ़ी  :- नाभाग के पुत्र का नाम था अज ।
उनतालीसवीं पीढ़ी  :- अज के पुत्र हुए दशरथ।
चालसवीं पीढ़ी  :- दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हुए।

इन ख़बरों पर भी डालें एक नजर :-

क्या आपको पता है पांडवों ने खाया था अपने मृत पिता के शरीर का मांस?

भगवान कृष्ण ने क्यों किया कर्ण का अंतिम संस्कार

भगवान गणेश ने क्यों दिया गीता का उपदेश

 



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
रिलेटेड न्यूज़
ताज़ा खबर

Copyright @ 2025 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.