हिन्दू धर्म में महाभारत को पांचवा वेद माना गया है कहते हैं कि महाभारत में एक अच्छा जीवन जीने की सारी विधियां लिखी गई हैं। इसके बाद भी महाभारत में कई घटनाऐं, संबंध और ज्ञान-विज्ञान के रहस्य छिपे हुए हैं जिन्हें आज तक कोई उजागर नहीं कर पाया है। महाभारत का हर पात्र जीवंत है, चाहे वह कौरव, पांडव, कर्ण और कृष्ण हो या धृष्टद्युम्न, शल्य, शिखंडी और कृपाचार्य हो।
दरअसल महाभारत की कहानी युद्ध के बाद समाप्त नहीं होती है। असल में महाभारत की कहानी तो युद्ध के बाद शुरू होती है। आज तक अश्वत्थामा क्यों जीवित है? क्यों यदुवंशियों के नाश का शाप दिया गया था और क्यों धर्म चल पड़ा था कलियुग की राह पर। महाभारत का रहस्य आज भी अनसुलझा है।
आप भी जानना चाहेंगे कि महाभारत के कौनसे रहस्य आज भी अनसुलझे हैं तो चलिए आपको बताते हैं इन छुपे हुए रहस्यों के बारे में:-
18 के आंकड़े के पीछे का राज :-
महाभारत का युद्ध 18 दिनों तक चला था, इस किताब के 18 अध्याय हैं, श्री कृष्ण ने अर्जुन को 18 दिनों तक गीता का ज्ञान दिया था। गीता में भी 18 अध्याय हैं। कौरवों और पांडवों की कुल सेना 18 अक्षोहिनी थी, और इस युद्ध में मात्र 18 योद्धा ही जीवित बचे थे। इस 18 के आंकड़े के पीछे का राज आज तक कोई नहीं समझ पाया।
गुरू द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा के जीवित रहने का रहस्य :-
गुरू द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा को श्री कृष्ण ने अमरता का श्राप दिया था, क्योंकि उसने युद्ध के दौरान ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल किया था। अश्वत्थामा के इस काम से कृष्ण क्रोधित हो गए थे और उन्होंने अश्वत्थामा को श्राप दिया था कि तू इतने वधों का पाप ढोता हुआ तीन हजार वर्ष तक निर्जन स्थानों में भटकेगा। तेरे शरीर से सदैव रक्त की दुर्गंध आती रहेगी, तू बहुत-सी बीमारियों से पीडि़त रहेगा। आज भी कई जगहों पर अश्वत्थामा के देखे जाने की बात कही जाती है। ऐसे में आज भी अश्वत्थामा जीवित हैं या नहीं इसके बारे में संशय बरकरार है।
महाभारत काल में विमान और परमाणु शस्त्र :-
मोहन जोदड़ो की खुदाई में मिले कंकाल में रेडिएशन का असर मिला था, जिसे लोग महाभारत से जोड़ कर देखते हैं। माना जाता है कि महाभारत काल में परमाणु बम थे। महाभारत में सौप्तिक पर्व के अध्याय 13 से 15 तक ब्रह्मास्त्र के परिणाम बताए गए हैं। हिंदू इतिहास के जानकारों के मुताबिक 3 नवंबर 5561 ईसा-पूर्व अश्वत्थामा के जरिए छोड़ा हुआ ब्रह्मास्त्र परमाणु बम ही था। लेकिन वास्तव में ये क्या था इस बारे में संशय बरकरार है।
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कौरवों का जन्म एक रहस्य :-
धृतराष्ट्र और गांधारी के 99 पुत्र और एक पुत्री थी, जिन्हें कौरव कहा जाता था। कुरु वंश के होने के कारण ये कौरव कहलाए लेकिन गांधारी के गर्भ धारण के दौरान धृतराष्ट्र ने एक दासी के साथ संबंध बनाए जिससे कौरवों की संख्य़ा 100 हुई थी। गांधारी ने वेदव्यास से पुत्री के लिए वरदान हासिल किया, मगर गांधारी के कोई भी बच्चा नहीं हुआ। गुस्से से भरी गांधारी ने अपने पेट पर जोर से मुक्का मार लिया जिससे उसका गर्भ गिर गया। जैसे ही वेदव्यास को इस बात का पता चला उन्होंने फौरन गांधारी को 100 कुएं खुदवाने को कहा, जिसमें उन्होंने घी भरवा कर मरे हुए बच्चे का अवशेष उसमे डाल दिया, जिससे कौरवों का जन्म हुआ। ये माना जाता है लेकिन इसकी वास्तविकता के बारे में किसी को जानकारी नहीं है।
महान योद्धा बर्बरीक के कटे सिर ने देखा यु़द्ध :-
भीम के पौत्र बर्बरीक का ये वचन था कि वो हारे हुए पक्ष से लड़ेगा। बर्बरीक के लिए तीन बाण ही काफी थे जिसके बल पर वे कौरव और पांडवों की पूरी सेना को समाप्त कर सकते थे। यह जान कर भगवान कृष्ण ब्राह्मण का रूप लेकर उनके सामने गए और दान में उनका शीश मांग लिया। शीश दान करने के बाद बर्बरीक ने कृष्ण से प्रार्थना की कि वे अंत तक युद्ध देखना चाहते हैं, तब कृष्ण ने उनकी यह बात मान ली। भगवान ने उस शीश को अमृत से नहलाकर सबसे ऊंची जगह पर रख दिया ताकि वे महाभारत का युद्ध देख सकें। ऐसा कैसे संभव हो पाया ये भी आज तक रहस्य बना हुआ है।
राशियां नहीं थीं ज्योतिष का आधार :-
महाभारत काल में ज्योतिष, राशियों के आधार पर कुछ नहीं बताते थे, क्योंकि उस वक्त राशियां नहीं थीं। ग्रह और नक्षत्रों द्वारा इस काम को किया जाता था। इसके पीछे क्या कारण था इसके बारे में भी पता नहीं लगाया जा सका है।
विदेशी भी शामिल हुए थे महाभारत के युद्ध में :--
महाभारत के युद्ध में सिर्फ भारत के ही नहीं बल्कि विदेशी योद्धा भी शामिल हुए थे। एक ओर जहां यवन देश की सेना ने युद्ध में भाग लिया था, वहीं दूसरी ओर ग्रीक, रोमन, अमेरिका, मेसिडोनियन आदि योद्धाओं के लड़ाई में शामिल होने का प्रसंग आता है। तो क्या महाभारत का युद्ध विश्व का प्रथम विश्व युद्ध था।
किसने लिखी महाभारत :-
ज्यादातर लोग यह जानते हैं कि महाभारत को वेदव्यास ने लिखा है लेकिन यह अधूरा सच है। वेदव्यास कोई नाम नहीं, बल्कि एक उपाधि थी, जो वेदों का ज्ञान रखने वाले लोगों को दी जाती थी। ऐसा माना जाता है कि महाभारत की रचना 28वें वेदव्यास कृष्णद्वैपायन ने की थी, इससे पहले 27 वेदव्यास हो चुके थे। ऐसे में हो सकता है कि पहले 27 वेदव्यासों में से किसी ने महाभारत लिखा हो।
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अभिमन्यु को किसने मारा :-
लोग यह जानते हैं कि अभिमन्यु की हत्या चक्रव्यूह में सात महारथियों द्वारा की गई थी, लेकिन यह सच नहीं है। माना जाता है कि अभिमन्यु ने बहादुरी से लड़ते हुए चक्रव्यूह में मौजूद सात में से एक महारथी (दुर्योधन के बेटे) को मार गिराया था। इससे नाराज होकर दुशासन के बेटे ने अभिमन्यु की हत्या कर दी थी। इसमें कितनी सच्चाई है इस बारे में कोई तथ्य सामने नहीं आया है ऐसे में अभिमन्यु की मृत्यु का वास्तविक कारण अभी भी छिपा हुआ है।
तीन चरणों में लिखी गई महाभारत :-
महाभारत एक किताब है लेकिन इसे तीन चरणों में लिखा गया था। पहले चरण में 8,800 श्लोक, दूसरे चरण में 24,000 और तीसरे चरण में 1,00,000 श्लोक लिखे गए थे। इन तीन चरणों को लिखने वाला कोई एक व्यक्ति था या तीनों चरणों को अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा लिखा गया।इस बारे में कोई जानकारी नहीं।