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क्रिकेट को “जेंटलमैन गेम” कहा जाता है, लेकिन इस खेल के इतिहास में कुछ ऐसे किस्से दर्ज हैं, जो इसके इस छवि को चुनौती देते हैं। हाल ही में दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी एडेन मार्करम के आईसीसी ट्रॉफी जीतने के बाद दर्शकों के सामने बीयर पीने की तस्वीरें सामने आईं, जिसने क्रिकेट में नशे के व्यवहार को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। क्या मैदान पर शराब पीना खिलाड़ियों के लिए सही है? इस पर राय भले बंटी हुई हो, लेकिन ऐसे कई नामचीन क्रिकेटर रहे हैं जिन्होंने नशे में भी शानदार पारियां खेलीं और क्रिकेट इतिहास में अपनी जगह बनाई।
1. हर्शेल गिब्स: रातभर पार्टी, अगली सुबह 175 रन की तूफानी पारी
दक्षिण अफ्रीका के ओपनर हर्शेल गिब्स का 2006 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 175 रन की पारी क्रिकेट इतिहास में सबसे यादगार रही है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इस पारी से एक रात पहले गिब्स ने जमकर शराब पी थी। अपनी आत्मकथा ‘To the Point’ में गिब्स ने खुलासा किया कि मैच से एक रात पहले वे पूरी रात शराब के नशे में डूबे थे। बावजूद इसके, अगली सुबह उन्होंने 111 गेंदों में 175 रन ठोक डाले और अपनी टीम को 434 रन का लक्ष्य हासिल कराने में अहम भूमिका निभाई।
2. विवियन रिचर्ड्स: नशे में 130 रन की क्लासिक इनिंग
वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज सर विवियन रिचर्ड्स ने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक काउंटी मैच से पहले उन्होंने इयान बॉथम के साथ जमकर शराब पी थी। अगले दिन हैंगओवर की हालत में बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने शुरुआत में बॉल को ठीक से देख भी नहीं पाया, लेकिन कुछ शॉट्स लगते ही लय में आ गए और 130 रनों की पारी खेल डाली। उनका यह किस्सा बताता है कि कैसे शारीरिक अवस्था के बावजूद क्लास दिख ही जाती है।
3. सर गैरी सोबर्स: लंच ब्रेक में ब्रांडी और फिर 150 रन
1973 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए टेस्ट मैच में सर गैरी सोबर्स ने शराब के नशे में एक ऐसी पारी खेली, जो आज भी चर्चाओं में है। मैच की रात वे नाइट क्लब गए, शराब पी और सुबह हैंगओवर में मैदान पर पहुंचे। खेल के दौरान उन्हें पेट दर्द और चक्कर आने लगे। लंच ब्रेक में कप्तान ने उन्हें ब्रांडी दी, जिसके बाद उन्होंने दोबारा बल्लेबाजी की और कुल 150 रन बनाकर आउट हुए।
4. एंड्रयू सायमंड्स: नेट्स में गिरे, मैच में चमके
ऑस्ट्रेलिया के हरफनमौला खिलाड़ी एंड्रयू सायमंड्स का नशे से पुराना नाता रहा है। 2005 में बांग्लादेश के खिलाफ एक वनडे मैच से पहले वे नेट्स सेशन के दौरान नशे में गिर पड़े थे। इसके बावजूद उन्हें मैच में उतारा गया, जहां उन्होंने उम्दा प्रदर्शन किया। सायमंड्स के नशे की लत ने अंततः उनका करियर बर्बाद कर दिया। ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड ने उन पर कई बार प्रतिबंध लगाए, लेकिन आदतें नहीं बदलीं।
5. विनोद कांबली: दस पैग के बाद रणजी में शतक
भारत के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली ने खुद एक इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि उन्होंने एक बार रातभर 10 पैग पीने के बाद सुबह रणजी ट्रॉफी मैच में शतक जड़ दिया था। हालांकि इस बयान के बाद काफी विवाद हुआ, और कांबली ने सफाई दी कि वे नशे में नहीं थे, बल्कि कोच की चिंता के बावजूद वे समय पर उठे और शानदार पारी खेली। शराब की लत के चलते उनका करियर जल्दी ढलान पर चला गया और बाद में वे कई स्वास्थ्य समस्याओं से भी जूझते रहे।
क्या कहते हैं नियम?
आईसीसी के नियमों में मैदान पर शराब पीना प्रतिबंधित है, लेकिन मैच के बाद जश्न मनाना खिलाड़ियों की व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है। हालांकि, सार्वजनिक मंचों पर नशे की स्थिति में आना हमेशा विवाद का कारण बनता है और आलोचनाओं की वजह बन सकता है।
क्रिकेट के 'नशेड़ी सितारे' और उनका प्रभाव
क्रिकेट इतिहास में ये किस्से यह दर्शाते हैं कि प्रतिभा नशे में भी चमक सकती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि यह आदर्श है। नशे की आदत ने कई खिलाड़ियों के करियर को समय से पहले खत्म कर दिया। आज भी यह बहस जारी है कि क्या खिलाड़ियों को खेल के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से ऊपर व्यक्तिगत आदतों को रखना चाहिए। हालांकि, इन घटनाओं ने क्रिकेट को कुछ दिलचस्प, लेकिन विवादास्पद यादें जरूर दी हैं।