दूध शरीर के लिए सबसे जरूरी है। लिहाजा इसे हमारे दैनिक आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए। दूध में विटमिन और मिनरल्स जैसे- कैल्शियम, फॉसफॉरस, सोडियम और पोटैशियम पाए जाते हैं। इसके अलावा दूध में लैक्टिक एसिड भी होता है, जो त्वचा को मुलायम बनाता है। इसे पीने से शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन का स्राव होता है, जिससे दिमाग शांत रहता है।
2 से 8 साल : दो साल का बच्चा दूध के साथ खाना भी खाने लगता है। ऐसे में अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के मुताबिक 2-3 साल के बच्चों को चार कप और 4-8 साल के बच्चों को कम से कम पांच कप दूध रोजाना दें।
इस उम्र में दूध पीना है जरूरी
नौ साल से बड़े बच्चे : नौ साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को तीन कप दूध रोजाना दें। लेकिन ऐसे बच्चे जिन्हें हाई कैलरी की जरूरत होती है तो उनके लिए दूध की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए।
ओवरवेट बच्चों के लिए कम फैट वाला दूध
अतिरिक्त कैलरी कम करने के नाम पर बच्चों की दूध की मात्रा कम ना करें बल्कि उन्हें कम फैट वाला दूध दें। इससे वजन नहीं बढ़ता और हड्डियां मजबूत होती हैं। साथ ही एनर्जी भी मिलती है।
दूध से कितनी ऊर्जा
फुल क्रीम दूध: 150 कैलरी
टोंड दूध: 120 कैलरी
डबल टोंड दूध: 100 कैलरी
स्किम्ड मिल्क: 80 कैलरी
अलग-अलग समय पर दूध पीने का असर
सुबह: सुबह दूध नहीं पीना चाहिए क्योंकि यह पचाने में भारी होता है।
दोपहर: इस समय दूध पीने से बुजुर्गों को ताकत मिलती है।
शाम: शाम के दौरान दूध पीने से आंखों पर अच्छा असर पड़ता है।
रात: रात को दूध पीना सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इससे शरीर की थकान मिटती है और नींद अच्छी आती है।
दूध पीते वक्त रखें ख्याल
*जिन लोगों का पाचन कमजोर, कफ, पेट में कीड़े और हर वक्त पेट खराब रहता हो, उन्हें ज्यादा दूध से बचना चाहिए।
*दूध को कभी खाने के साथ नहीं पीना चाहिए क्योंकि यह जल्द हजम नहीं हो पाता। इसे हमेशा अलग से गरम कर के पीना चाहिए।
* अगर आप ठंडे दूध का सेवन करते हैं, जरूरत से ज्यादा दूध पीते हैं या सही खाद्य पदार्थ के साथ दूध नहीं पीते तो यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
*जिन लोगों को लैक्टोज इनटॉलरंस की समस्या है, उन्हें दूध नहीं पीना चाहिए।