ये है दुनिया के सबसे अनोखे और सर्वाधिक प्रचलित लकी चार्म्स

Samachar Jagat | Saturday, 08 Oct 2016 12:42:48 PM
This is the world's most unique and most popular Lucky Charms

जहां तक बात ‘लकी चार्म’ की है तो ये कोई आजकल की बात नहीं है। या आज के फैशन की देन नहीं है। लकी चार्म तो उस दौर में भी हुआ करते थे, जब मानव सभ्यता की उत्पत्ति हुए ज्यादा समय नहीं बीता था। तब से लेकर आज तक लगभग सारी दुनिया के लोग किसी न किसी चीज को अपने लकी चार्म की मान्यता देते आये हैं।

ये कोई वस्तु भी हो सकती है और जगह या कोई इन्सान भी। लोग अपने जीवन में अपना भाग्य चमकाने के लिए और आर्थिक जगत में सफलता अर्जित करने के लिए अलग-अलग उपाय करते देखे जा सकते हैं। आईए आ आपको जानकारी देते हैं दुनिया के कुछ ऐसे लकी चार्म्स के बारे में जो लोगों के बीच मान्यता प्राप्त कर चुके हैं :-

ऐकॉर्न या आक का फल- नार्वे में ऐसी मान्यता है कि अगर आक के बीज को अगर खिड़की पर बांधा या रखा जाए तो इससे उस घर की आकाशीय बिजली से सुरक्षित रहेगा। क्योंकि आक का पेड़ इसे अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम होता है। ये चीज उन्हें उनके पूर्वजों द्वारा बताई गई थी। उनका विश्वास है कि आक के पेड़ में बिजली के देवता का वास होता है और वे ही उनकी रक्षा करते हैं।

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मगरमच्छ का दांत- कैलिफोर्नियन्स और कुछ अफ्रीकी आदिवासी जातियों में ऐसी मान्यता प्रचलित है कि मगरमच्छ का दांत उनके लिए जुआ खेलते समय सफलता लाएगा, इसलिए वे इसे पहनते हैं।

बांस- हरा बांस भले ही सौभाग्यसूचक के रूप में लोगों द्वारा खरीदा व बेचा जाता हो लेकिन वास्तव में ये फ्रैंडशिप वाले बैंबू के रूप में ज्यादा प्रचलित है। फैंगशुई के अनुसार ऐसी मान्यता है कि जिसे ये हरा बैंबू उपहार स्वरूप दिया जाता है उसके लिए ये सौभाग्य लाता है। इससे आपकी दोस्ती गहरी होती है। इसलिए इसे कमरे के पूर्वी हिस्से में रखा जाता है ताकि आपमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।

तिकोनी आकृति- स्थापत्य में त्रिकोण की मजबूती को देखते हुए पुराने समय में इस आकृति में निर्माण करवाये गये। इसके साथ ही ऐसा माना जाता है कि इसकी तीन सतहें जीवन-चक्र के तीन चरणों को ही निरूरित करती हैं- उत्पत्ति, विकास और अंत। इसी तरह मिस्त्र के लोग भी अपने मृतक रिश्तेदारों के शवों को दफ़नाने के स्थान पर सुरक्षित रखने के लिए उन्हें त्रिभुजाकार आकृतियों में रखते थे। साथ ही ऐसी ही आकृति अमरीकी डॉलर के पीछे भी अंकित है।

झींगुर- कुछ एशियन और अमरीकी मूल की सभ्यताओं में झींगुर को सौभाग्यसूचक के रूप में देखा जाता है। यहां के लोगों का विश्वास है कि अगर आपसे गलती से भी कोई झींगुर मर जाता है तो फिर आपका दुर्भाग्य शुरु हो जाएगा। वहीं एशिया की कुछ सभ्यताएं तो ऐसा भी मानती हैं कि ये इनके घर की रखवाली करता है। साथ ही अगर इनकी आवाज आनी अगर बंद हो जाती है तो इसका अर्थ है कि आपके आस-पास कोई खतरा मंडरा रहा है।

घोड़े की नाल- घोड़े की नाल को भी एक लकी चार्म के रूप में काफी मान्यता प्राप्त है। 10वीं सदी के महान संतों में से एक माने जाने वाले संत दुंस्तान के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने एक बार एक दुष्ट आत्मा को घोड़े की नाल से बांध दिया था। इसलिए कहा जाता है कि अगर इसे ऊपर की ओर मुंह करके लगाया जाए तो ये आपके लिए सौभाग्य लाता है वहीं अगर इसे नीचे की ओर मुंह किये हुए लगाया जाए तो ये आपके भाग्य की रक्षा करता है। हालांकि ये दोनों ही बातें एक सी ही प्रतीत होती हैं।

कचिना (गूड़िया)- कचिना उन गुड़ियाओं को कहा जाता है जो असल जिंदगी का प्रतिनिधित्व करती हैं। ये दक्षिणी-पश्चिमी और मध्य अमरीका में ज्यादा मान्यता प्राप्त हैं। इन्हें बच्चों के साथ खेलते हुए स्वरूप में रखा जाता है। मान्यता है कि इससे उनके यहां घर-परिवार में खुशहाली आएगी और फसल अच्छी होगी।

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ड्रीम कैचर- अमरीकी मूल के लोगों द्वारा इन्हें खासी मान्यता प्राप्त है। इनका विश्वास है कि इससे जब वे सोएंगे तो बुरे सपने उनसे दूर रहेंगे। इसके लिए यहां एक लोककथा प्रचलित है। इस कहानी के अनुसार एक मकड़ी ताउम्र जाला बनाती रही। लेकिन एक दिन उसका पौत्र आया और उसे जान से मारने की कोशिश की। बदले में उस मकड़ी ने एक रात के अंदर एक और जाला बना दिया। फिर अपने पोते से कहा कि “देखो कि मैं कैसे इसे बना रही हूं। इसे देखो और सीखो।“ इसी तरह ये ड्रीमकैचर भी हमें सारी बुरी बातें भूलकर फिर से एक नई शुरुआत करने की प्रेरणा देता है।

एविल आई- मध्य-पूर्व की संस्कृतियों में इसे प्रमुखता से ताबीज की तरह रखा जाता है। ताकि शापित ताकतों और लोगों की बुरी नजरों से अपना बचाव किया जा सके। इसके साथ ही आजकल तो यहां घूमने आने वाले पर्यटकों में भी काफी लोकप्रिय है।

गुबरैला कीड़ा/ स्क्रैब- मिस्त्र में प्राचीन समय में इन्हें ताबीज के रूप में पहना जाता था। क्योंकि ये एक ओर जहां उदय होते सूर्य का प्रतीक है और दुरात्माओं की निगरानी करता है वहीं दूसरी ओर ये पुनर्जन्म और परिवर्तन का परिचायक है।

शाही शेर- शाही शेर जो फु डॉग्स के नाम से भी जाने जाते हैं को आम तौर पर घर के दोनों ओर आगे की ओर मुख किये लगाया जाता है। ये चीन में प्रमुख रूप से देखे जाते हैं। चूंकि इन्हें लगाने का उद्देश् घर को चोर-उचक्कों से बचाये रखना व धन-संपदा प्राप्त करना होता है। इसलिए ये प्राचीन महलों व मंदिरों के बाहर भी दिखाई देते हैं।

लेडीबग- वैसे तो हम अपने गार्डन में किसी कीड़े-मकोड़े को नहीं आने देते लेकिन अगर कभी लेडीबग आपके यहां आ जाए तो उसके साथ ऐसा हर्गिज़ न करें। क्योंकि इसका स्वागत करने पर आपका भाग्य नई ऊंचाइयों को छुएगा और आपके लिए समृद्धि लाएगा,,और आपके लिए समृद्धि लाएगा विशेष रूप से तब जब ये आकर आपके हाथ पर बैठ जाए। साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि अगर किसी लड़की की नई-नई शादी हुई है और कोई काले धब्बे वाली लेडीबग उसके हाथ पर बैठ जाती है तो जितने धब्बे उसके शरीर पर हैं वो उसके भविष्य में होने वाले बच्चों की संख्या को दर्शाता है।

आंख- आँख प्राचीन मिस्र के संस्कृति का सबसे व्यापक अवशेष में से एक है। फिरौन जाति के लोग अक्सर अनन्त जीवन के प्रतीक के रूप में ताबीज पहनते थे। कई छवियों, देवताओं एक नश्वर के होठों के लिए एक आँख पकड़े दिखाने के लिए उन्हें "जीवन की सांस" के रूप में दिखाया है।

सिक्के- इन चीनी सिक्कों को लकी चार्म के रूप में रखने का रिवाज है। क्योंकि बहुत सी सभ्यताओं में इन्हें समृद्धि का प्रतीक माना गया है। नियम तो यह है कि आप अगर केवल एक ही सिक्का रखना चाहते हैं तो इसका मुंह ऊपर की ओर रखें। अगर आप इसे अपने गले में बांधते हैं या अपनी बायीं जेब में रखते हैं तो आप अपने भाग्य सकारात्मक रूप से बदल सकते हैं। कुछ लोग तो अपने नये कोट पर्स और नये जूतों में भी इसे रखना पसंद करते हैं।

ड्रैगन- अगर आप ड्रैगन को सही स्थिति में रखते हैं तो ये आपको अपने जैसी ही ताकत और सत्ता प्रदान करता है। विशेष रूप से अगर आप नये काम की तलाश कर रहे हैं तो ये आपको प्रतिनिधित्व करने की क्षमता प्रदान करने के साथ कंपनी में आपकी स्थिति भी मजबूत करने में सहायक होगा।

सुअर- यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में सुअर को समृद्धि व खुशहाली के निरूपक के रूप में देखा जाता है। चीनी पुराणों के अनुसार भी इसे ईमानदारी और लगन के प्रतिरूप के रूप में देखा जाता है। वैसे भी ये आसानी से बच्चों की पिगी बैंक या गुल्लक के रूप में आसानी से देखा जाता है।

खरगोश का पैर- खरगोश का पिछला पैर भी लकी चार्म के रूप में रखा जाता है। क्योंकि खरगोश काफी बड़ी मात्रा में बच्चे देता है इसलिए ये उर्वरता का परिचायक होता है। वैसे अगर आप इसे रखते हैं तो इसका अर्थ है कि आपके बहुत जल्दी मां/पापा बनने के योग हैं।

लाफिंग बुद्धा- वैसे तो इसकी काफी तरह की प्रतिमाएं हैं लेकिन हंसते हुए बुद्धा की मूर्ति सबसे ज्यादा सौभाग्यशाली मानी जाती है। फेंगशुई के निर्देशों के अनुसार इसे अपने घर के पश्चिमी भाग में रखना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। इससे घर में स्वस्थ जीवन और संपत्ति का आगमन होता है।

विशिंग वैल- कुंए या झरने में सिक्का फेंकने की परम्परा बहुत सी कल्चर्स में देखने को मिलती है। कहीं-कहीं तो इसमें सिक्का उछालने की भी परंपरा है क्योंकि इस तरह से अपने देवता को शांत करने का प्रयास किया जाता है। अगर आपकी परछाईं रुके हुए पानी में दिखाई देती है तो आप एक इच्छा मांगिये और इसकी पूर्ति के लिए एक सिक्का उछालिए।

तीन पैर का मैंढक- लाफिंग बुद्धा के अलावा ये भी कुछ एशियाई देशों में काफी मान्यता प्राप्त है। इसकी अधिकांश प्रतिमाओं में ये अपने मुंह में एक सिक्का लिए होता है। लेकिन इसे रखते समय ये बात जरूर ध्यान रखी जानी चाहिए कि इसका मुंह घर के अंदर की तरफ होना चाहिए न कि बाहर की तरफ।

सीढ़ी- काफी लोगों का मानना है कि दीवार से लगी हुई सीढ़ी के नीचे से गुजरना अशुभ होता है। क्योंकि ये दीवार से लगकर तकोनी आकृति बनाती है इसलिए ये तीन लोगों के बीच के रिश्तों को कमजोर करता है। इसलिए अगर आप सीढ़ी के नीचे से निकलते हैं तो उस समय अपनी उंगलियों को आपस में फंसाकर रखें। इसके अलावा मिस्त्र के लोग मृतकों को दफनाते समय उसके साथ सीढ़ी भी रखते थे ताकि उस व्यक्ति की आत्मा आसानी से स्वर्ग जा सके।

बिल्ली की आंख- बिल्ली की आंख का उपयोग दुरात्माओं और विभिन्न बाधाओं को दूर रखने के लिए किया जाता है। इसीलिए जुआरी जुआ खेलते समय इसे हमेशा अपने पास रखते हैं। ताकि वे खेल में हारें नहीं व अनदेखी-अनजानी परेशानियों से खुद को बचा सकें।

चाबी- किसी भी ताले को खोलने के लिए चाबी की जरूरत होती है। इसी तरह रोमानियों और ग्रीक लोगों का विश्वास था कि एक लकी चाबी भगवान के द्वार को खोल सकती है क्योंकि भगवान की आवाज हर एक के कानों को नहीं सुनाई देती। लेकिन जापान में प्रथा है कि तीन चाबियों को एक साथ एक धागे में बांधकर अपने पास रखा जाए। क्योंकि ये स्वास्थ्य धन और प्यार का प्रतीक हैं।

हाथी- हाथियों को भी गुडलक चार्म के रूप में देखा जाता है। भारत में इसका कुछ ज्यादा ही प्रभाव देखने को मिलता है क्योंकि विघ्नविनाशक और समृद्धि के दाता भगवान गणेश का सिर भी तो हाथी का ही है। इसीलिए घरों के बाहर दोनों ओर सूंड उठाए हुए हाथी की प्रतिमाएं या तस्वीरें लगाई जाती हैं जो कि इस बात का प्रतीक हैं कि आप जिसके घर आये हैं वो आपका स्वागत करता है। साथ ही यह प्रभुत्व और दीर्घायु को भी प्रदर्शित करता है।

चार पत्ती वाली घास- इस घास की पत्तियां आपस में मजबूती से बंधी होती हैं और जहां भी ये पाई जाती हैं इन्हें लकी माना जाता है। संत पैट्रिक मूल रूप से तीन पत्ती वाली घास का उपयोग पवित्र समुदाय को दर्शाने के लिए करते थे और ईसाइयों के आने से पहले आयरिश संत इनकी तिकोनी आकृति के कारण गुडलक चार्म मानते थे। इसकी चारों पत्तियां आशा विश्वास प्रेम और भाग्य को दर्शाती है।



 

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