मुंबई। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिय़ा ने स्वीकार किया है कि सरकार के नोटबंदी के कदम से नकदी की तंगी के चलते देश में आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा और वृद्धि दर प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि प्रणाली में नकदी की कमी तीन महीने तक रह सकती है। पनगढिय़ा ने यहां एशिया सोसायटी के एक कार्यक्रम में शुक्रवार को यह बात कही। उन्होंने कहा, फौरी तौर पर, नकदी की कमी होगी। इसका असर आर्थिक गतिविधियों पर पड़ेगा और यह हो रहा है। समस्या धीरे धीरे सुलझाई जा रही है, प्रणाली में नकदी डाली जा रही है और जिस गति से हम यह काम कर रहे हैं उसके मद्देनजर ज्यादा से ज्यादा एक तिमाही तक कमी रह सकती है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रणाली में नकदी की स्थिति एक पखवाड़े पहले की तुलना में अब काफी बेहतर है। उन्होंने कहा कि तिमाही के आखिरी माह में पखवाड़े के दौरान तरलता की कमी बहुत छोटी होगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी। उसके बाद से अर्थव्यवस्था में नकदी की तंगी बनी हुई है और लोग नये नोट पाने के लिये बैंकों में लाइन लगाकर खड़े हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में सरकार के नोटबंदी के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुये कहा था कि इससे देश की आर्थिक वृद्धि में दो प्रतिशत तक कमी आ सकती है। इसके एक दिन बाद ही पनगढिय़ा ने यह बात कही है, उन्होंने कहा कि यह एक तिमाही की बात है। इसका आर्थिक वृद्धि पर कितना असर होगा यह देखने की बात है।