जयपुर। जयपुर सिटी ट्रासंपोर्ट सर्विस लिमिटेड ने नोटबंदी के बाद कानेधन को सफेद बनाने में जुटे डिपों के तीन कर्मचारियों को निलंबित करने सहित ग्यारह लोगों के खिलाफ कार्यवाही की है।
जेसीटीएसएल महाप्रबंधक आकांक्षा चौधरी ने आज यहां बताया कि एक महिला परिचालक की शिकायत पर विद्याधर नगर और सांगानेर डिपो पर की गयी जांच में यह खुलासा होने के बाद यह कार्रवाई की गयी है। उन्होंने बताया कि महिला परिचालक ने शिकायत की थी कि किराये के रूप में छोटी राशि जमा कराने के बावजूद डिपो केशियर द्वारा पांच सौ और हजार रूपये जमा कराने का दवाब बनाया जाता है जबकि उसने किराये के तौर पर प्राप्त पांच, दस, बीस, पचास और सौ रूपये की राशि जमा करायी है।
उन्होंने बताया कि इस शिकायत की विभाग और भ्रष्टाचार विभाग द्वारा जांच की गयी। जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद विद्याधर नगर के तीन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है तथा तीन अन्य को आरोप पत्र दिये गये है। इसके अलावा सांगानेर डिपो में कार्यरत पांच कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में भेजने के आदेश कर दिये गये है। उन्होंने बताया कि राजस्थान रोडवेज के प्रबंधन से इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की अनुशंसा की गयी है।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों द्वारा नोटबंदी के बाद तीन दिनों तक किराये के रूप में छोटे नोटों में आने वाली राशि को बडे नोटों में बदलने का कार्य किया गया। इस दौरान कर्मचारियों द्वारा विद्याधर नगर डिपों में चार लाख और सांगानगर डिपो से आठ लाख रूपये के छोटे नोटों को बडे नोटों में बदला गया था। उन्होंने दावा किया कि नोटो की अदला बदली का यह काम 11 नवम्बर तक ही हुआ था।
सुश्री चौधरी ने बताया कि सांगानेर डिपों में हुयी हेराफेरी के संबंध में दस्तावेजों की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों द्वारा की जा रही है।