जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि दक्षिणी-पूर्वी एशिया के महत्वपूर्ण देश कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और वियतनाम, राजस्थान के साथ कई क्षेत्रों में अह्म व्यवसायिक साझीदार बन सकते हैं।
राजे आज यहां चौथे भारत- कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और वियतनाम (सीएलएमवी) बिजनेस कॉनक्लेव के उद्घाटन सत्र में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि राजस्थान एक कामयाब व्यवसायिक साझीदार है। जापान और सिंगापुर के साथ सफल संबंध इसका उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि, निर्माण, ज्वैलरी, पर्यटन और कौशल विकास आदि क्षेत्रों में सीएलएमवी देशों के साथ सहयोग बढ़ा सकते हैं। सीएलएमवी देशों के उद्यमियों तथा सरकारों को राजस्थान के साथ बिजनेस और निवेश में भागीदार बनने का आमंत्रण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके जरिये अपने देशों तथा प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास में बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सब जानते हैं कि म्यांमार कीमती पत्थर रूबी के लिये विश्व प्रसिद्ध है। इसी तरह जयपुर विश्व में रंगीन जेमस्टोन के व्यापार का सबसे बड़ा केन्द्र है। यहां के कुशल कारीगर कीमती पत्थरों को तराशने में सिद्धहस्त हैं। इस क्षेत्र में परस्पर सहयोग से काफी लाभ उठा सकते हैं। राजे ने इस कॉनक्लेव में भाग लेने आए विदेशी प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे एक बार जयपुर सहित राजस्थान के पर्यटन स्थलों को जरूर देखें।
केन्द्रीय वाणिज्य राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह कॉनक्लेव देश की लुक-ईस्ट और एक्ट-ईस्ट नीतियों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान राजे की विजनरी लीडरशिप के कारण व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में आज अग्रणी राज्य बन गया है। सीतारमण ने आगामी सितम्बर में जयपुर में होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय टैक्सटाइल फेयर‘वस्त्र‘-2017 के लिये सीएलएमवी देशों के प्रतिनिधियों को राजस्थान सरकार की ओर से आमंत्रित किया। -(एजेंसी)