अजमेर। राजस्थान के पुष्कर में आये हरियाणा रोहतक जिले के निन्दाना ग्राम निवासी पं कर्मवीर कौशिक को अपने खून से गीता और कुरान लिखने का जुनून सवार हुआ और उसने श्री मद् भागवत गीता एवं कुरान के अब तक 555 पेज लिख डाले है।
कर्मवीर ने बताया कि पिछले सात सालों में स्वयं के रक्त से गीता के 700 श्लोक संस्कृत से हिन्दी में अनुवाद कर 186 पेज तथा कुरान के 369 पन्ने लिख चुके है। रोजमर्रा की जिन्दगी का हिस्सा बन चुके इस जुनून के बारे में उन्होंने बताया कि 26 वर्ष की उम्र में वृंदावन यात्रा के दौरान उन्हें संत -महन्तों- पण्डितों का सानिध्य मिला और वही से उन्हें खून से लिखने की प्रेरणा मिली।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 में गीता का एक पेज उन्होंने अपनी अंगली के खून से लिखा था। वे मानव कल्याण के संदेश के साथ धर्म-प्रचार में जुटे है। वह पिछले 10 वर्षो के दौरान उत्तराखण्ड, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली आदि राज्यों का भ्रमण कर राजस्थान के पुष्कर पहुंचे है। पुष्कर से दौसा के लिए वह रवाना हो गये।
उन्होंने कहा कि गीता से बढ़कर कोई ज्ञान नहीं तथा वे जनकल्याण, आपसी भाईचारा तथा देश की एकता एवं अखण्डता का संदेश देने का काम कर रहे है।