जयपुर।राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में सबसे ज्यादा कांटे की टक्कर अध्यक्ष पद को लेकर है। अध्यक्ष पद के लिए प्रमुख छात्र संगठनों सहित अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों का भी मजबूत दावा है। एक सप्ताह से चले प्रचार में क्षेत्रवाद, जातिवाद चरम पर रहे। वहीं, लिंगदोह कमेटी की चुनाव सिफारिशों को धता बताते हुए जमकर राजनीतिक अपील हुई।
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विवि चुनाव परिणाम कहने को तो एक विवि के 38 विभागों और संघटक कॉलेजों से जुड़ा है। लेकिन, प्रदेश का सबसे बड़ा विवि होने और राज्य विधानसभा का जाना पहचाना रास्ता होने के कारण परिणाम पर सीधे राजनीतिक दिग्गजों की नजर है।
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पिछले सालों की तुलना में वोट प्रतिशत बढ़ा तो परंपरागत जातिवाद और क्षेत्रवाद समीकरण बिगड़ सकते हैं। इधर, विवि के परिणामों को लेकर प्रदेश भाजपा और प्रदेश कांग्रेस भी टकटकी लगाए हैं।