भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं!

Samachar Jagat | Friday, 21 Apr 2017 02:26:36 PM
The Unborn child DNA Match from rapist 10 years sentence

मध्य प्रदेश: अक्सर सुनने को मिलता है कि भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं। कलयुग में शुक्रवार को यह बात सिद्ध भी हो गई। 

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक मृत युवती के अजन्मे शिशु के डीएनए का युवती से दुष्कर्म के आरोपी युवक से मिलान के बाद अदालत ने आरोपी को दुष्कर्म और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में 10 साल की कैद की सजा सुनाई है। 

लोक अभियोजक राजेश साबले ने बताया कि छाबल गांव निवासी ये युवती 17 फरवरी, 2016 को शौच जाने के लिए घर से निकली, लेकिन वापस नहीं लौटी। युवती की मां को 26 फरवरी को उसका शव जंगल में एक कुएं में मिला। पोस्टमार्टम के दौरान युवती गर्भवती पाई गई। 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद युवती के परिजन ने पुलिस को बताया कि आरोपी युवक महेश गोहे ने उनकी बेटी को शादी का प्रलोभन देते हुए उससे शारीरिक संबंध बनाए, जिससे उनकी बेटी गर्भवती हो गई। 

जानकारी मिलने पर युवती के अभिभावकों ने युवक को अपनी बेटी से शादी करने को कहा, लेकिन उसने इंकार कर दिया, जिसके चलते उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली। 

मामले की जांच के दौरान युवती के अजन्मे बच्चे का डीएनए आरोपी युवक से मिलवाया गया, जिसका मिलान होने पर पुलिस ने महेश के खिलाफ प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया। 

मामले की सुनवाई के दौरान गुरुवार को न्यायाधीश मोहन तिवारी ने महेश को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए 10 साल की सजा और 10 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया। 

न्यायालय ने अपने निर्णय में उल्लेख किया कि आरोपी ने न सिर्फ युवती को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित कर जीवनलीला समाप्त करने के लिए बाध्य किया, बल्कि गर्भस्थ शिशु का भी दुनिया में आने के पूर्व हमेशा के लिए अंत कर दिया। 
 



 

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