रात का खाना सोने से कम से कम चार घंटे पहले खा लिया जाए ताकि वह पच जाए। बात समझ में आती है, मगर यह कहना कि देर से खाना वजन बढ़ाएगा, गलत है। वजन बढ़ोत्तरी इस बात पर निर्भर करती है कि इसमें कैलोरीज ज्यादा न हों, आप जो ज्यादा वसा और कैलोरीज लेते हैं अगर वह व्यायाम से खर्च नहीं की गईं तो वजन अवश्य बढ़ेगा। बेहतर हो कि रात का खाना सुपाच्य हो।
नाश्ते, लंच और डिनर के बीच कुछ भी न खाने की बात गलत है। असलियत तो यह है कि अगर दोनों के बीच कुछ हल्के स्नैक्स ले लेंगे तो ब्लड शुगर स्तर सुचारू रहेगा। बेहतर हो कि इस दौरान रेशेदार आहार लें। मसलन फल, मेवा, भुना हुआ चना, गेहूं, बाजरा आदि। इसके अलावा दही भी ले सकते हैं। यह सभी आपकी ऊ$र्जा आवश्यकता पूरी करेंगे।
किसी एक वक्त का खाना छोडऩे से वजन कम नहीं होता बल्कि बढ़ता है। ऐसा कतई न करें। इससे आपके शरीर के मेटाबॉलिज्म में एकदम गिरावट आएगी और भूख सताएगी सो अलग। दूसरे आपकी रोजमर्रा कैलोरी आवश्यकता भी डगमगाएगी जो शरीर पर बुरा प्रभाव डालेगी।
पानी वजन घटा देगा, यह गलत है। लेकिन लगातार पानी पीने के कुछ फायदे जरूर हैं। पानी पीने से थकान नहीं चढ़ती, पाचन सही रहता है, मूत्र तंत्र सुचारू रहता है, रक्तचाप ठीक रहता है, शरीर में पानी का संतुलन रहता है और सबसे बड़ी बात कि मांसपेशियां भी सही रहती हैं।
किसी एक ही आहार को चुन लेना और बस उसे ही खाते रहना एकदम गलत है, इससे स्वास्थ्य बिगड़ता है। चिकित्सीय राय यह है कि आहार में विविधता रखें।
कैलोरीज कम लेना अच्छी बात है मगर बेहद कम कैलोरीज से शरीर की उपापचय क्रिया डगमगा जाएगी। जान लें कि एक आम व्यक्ति को आमतौर पर 1000 कैलोरीज प्रतिदिन चाहिए होती हैं।
नियमित दूध और उनसे बने उत्पाद लें। शोध बताते हैं कि कैल्शियम की निर्धारित मात्रा वजन घटाने में सहायक होती है। शरीर को वसा यानी फैट की जरूरत होती है। यह रक्त वाहनियां संकरी करती है।
ओमेगा-3 जैसे फैटी एसिड्स तो शरीर की पहली आवश्यकता है। ध्यान रखें वसा आहार में स्वाद बढ़ाती है और उसे पाचक बनाती है। यह शरीर का ल्युब्रीकेंट होती हैं।
हृदय रोगियों को भी रोजाना की खुराक में कम वसा लेने की सलाह दी जाती है। वसा जरूरी है भोजन में वसा की अधिक मात्रा अमूमन हानिकारक होती है।