आखिर क्यों सीता ने निगल लिया लक्ष्मण को

Samachar Jagat | Thursday, 18 May 2017 07:10:01 AM
Why Sita swallowed Laxman

कई धार्मिक ग्रंथों में इस बात का जिक्र मिलता है कि एक बार सीता ने लक्ष्मण को निगल लिया था, आखिर सीता ने ऐसा क्यों किया। आइए आपको बताते हैं इस रोचक कथा के बारे में....

कथाओं के अनुसार, जब भगवान श्रीराम रावण का वध करने के बाद अयोध्या वापस आए तो माता सीता को ख्याल आया कि वन जाते समय उन्होंने मां सरयु नदी से वादा किया था कि अगर वे अपने पति और देवर लक्ष्मण के साथ वनवास काटकर सकुशल अयोध्या लौटेंगी तो सरयु तट पर पूजा करेंगी। वे अपने इस वादे को पूरा करने के लिए नदी के तट पर लक्ष्मण को लेकर गईं।

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पूजा करने के लिए सीता ने लक्ष्मण से नदी का जल लाने को कहा तो जैसे ही लक्ष्मण नदी में उतरे वैसे ही अघासुर नाम के एक राक्षस ने लक्ष्मण को निगलने का प्रयास किया। लक्ष्मण की जान बचाने के लिए मगरमच्छ के निगलने से पहले ही सीता ने लक्ष्मण को निगल लिया। लक्ष्मण को निगलने के बाद सीता जी का सारा शरीर जल बनकर गल गया। जब माता सीता पूजा के लिए गईं तो पीछे से हनुमान जी भी उनकी रक्षा के लिए उनके पीछे-पीछे गए।

माता सीता को जल रूप में देखकर उस तन रूपी जल को हनुमान जी घड़े में भर लिया और भगवान राम के सम्मुख आए। जब उन्होंने श्रीराम को ये सारी बात बताई तो राम ने कहा मैने सारे राक्षसों का वध कर दिया लेकिन इस राक्षस की मृत्यु मेरे हाथों में नहीं लिखी थी। इसे भगवान शिव का वरदान प्राप्त है कि जब त्रेतायुग में सीता और लक्ष्मण का तन एक तत्व में बदल जाएगा तब उसी तत्व से इस राक्षस का वध होगा और वह तत्व रूद्रावतारी हनुमान के द्वारा अस्त्र रूप में प्रयुक्त किया जाएगा।

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इसलिए तुम इस जल को लेकर जाओ और अपने हाथों से सरयु के जल में प्रवाहित कर दो। जैसे ही जल सरयु में प्रवाहित होगा उस राक्षस का नाश होगा और लक्ष्मण-सीता को पुनः शरीर प्राप्त होगा। श्री राम की आज्ञा पाकर हनुमान जी ने ऐसा ही किया और घड़े के जल को आदि गायत्री मंत्र से अभिमंत्रित करके सरयु जल में डाल दिया। घडे़ का जल जैसे ही सरयु के जल में मिला वैसे ही सरयु के जल में भयंकर ज्वाला जलने लगी उसी ज्वाला में अघासुर जलकर भस्म हो गया। अघासुर का नाश होते ही सीता और लक्ष्मण ने पुनः शरीर धारण कर लिया।

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