राजस्थान से सटी भारत-पाक सीमा को भी अमेरिका-मैक्सिको सीमा की तर्ज पर अभेद्य बनाने की योजना तैयार कर ली गई है। सीमावर्ती इलाकों में लगाई गई बाड़ को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए आईआईटी जैसे अहम संस्थानों की भी मदद ली जाएगी। तकनीकी विशेषज्ञता को हासिल करने के लिए कई क्षेत्रों पर प्रयास किए जा रहे हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि राजस्थान से लगती भारत-पाक सीमा कुल 1037 किलोमीटर है। जिसमें से 1022 किलोमीटर सीमा में फ्लड लाइट है।
यहां यह बता दें कि पिछले पांच साल में 75 से ज्यादा बार पाक की ओर से घुसपैठ हुई है, जिसमें 20 से ज्यादा मामले पाक घुसपैठ के अकेले वर्ष 2015 में हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार विशेषज्ञों को लगता है कि अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर लगाई गई बाड़ की तकनीक राजस्थान में कारगर साबित हो सकती है।
मैक्सिको सीमा की भौगोलिक स्थिति बहुत हद तक थार रेगिस्तान जैसी है। इसलिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को इन इलाकों का भौगोलिक तकनीकी सर्वेक्षण (जियो टेक्नीकल सर्वे) करने का कहा गया है। इसके अलावा अमेरिका की उन सीमाओं का भी अध्ययन करने की तैयारी है, जिसकी स्थिति भारत जैसी है। रेगिस्तान में एक बड़ी समस्या टीलों का लगातार खिसकते रहना है।
केंद्र सरकार आईआईटी से राजस्थान के इन सीमाई इलाकों में बाड़ के स्थायित्व के लिए तकनीकी विकल्प तलाशने को कहेगी। हालांकि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने इन क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण का काम जैसलमेर के सीमावर्ती इलाकों में शुरू भी कर दिया है। इसके अलावा गुजरात के उन इलाकों के लिए भी तकनीकी सर्वेक्षण किया जा रहा है। जहां पानी भरे रहने की वजह से समस्या होती है।
इस बारे में पता चला है कि जिन इलाकों मेें बाड़ स्थायी या मजबूत नहीं है, वहां सेंसर, कैमरा, ड्रोन और रडार जैसे अत्याधुनिक उपाय अपनाए गए हैं। वहां तकनीकी उपकरणों की मदद से कृत्रिम बाड़ (वर्चुअल फेंसिंग) की भी व्यवस्था की जा रही है। इससे इन इलाकों में दोहरी व्यवस्था होगी। यहां यह बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों की तरह राजस्थान के रेतीले इलाकों में भी सीमा सुरक्षा करना बेहद मुश्किल काम है। थार रेगिस्तान में रेतीले टीलों के साथ सीमा की पहचान भी शिफ्ट होती रहती है।
इसके अलावा 50 डिग्री तापमान में धातु की बाड़ ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल पाती। गुजरात में रण ऑफ कच्छ में भी बाड़ लगाना मुश्किल काम है। ऐसी भी खबरें है कि सीमा को सील करने के प्रोजेक्ट में इजरायल के विशेषज्ञ अपनी मदद देंगे। हालांकि दोनों देशों की भौगोलिक स्थिति एक जैसी नहीं है।
फिर भी राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भारत और इजरायल साथ में काम कर सकते हैं। भारत-पाकिस्तान सीमा पर करीब 2063 किलोमीटर इलाके में बाड़ लगाने की स्वीकृति दी गई थी। इनमें से करीब 2003 किलोमीटर में बाड़ लगाई जा चुकी है, लेकिन जिन इलाकों में बाड़ लगाई गई है, उनकी समय-समय पर मरम्मत की जरूरत पड़ती है।