चाणक्य नीति : इन तीन चीजों की वजह से झेलना पड़ता है दुख

Samachar Jagat | Monday, 23 Jan 2017 12:20:33 PM
Chanakya Niti: These three things have to face because of the misery

आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक में बताया है कि किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे बड़ा दुख है मूर्ख होना। यदि कोई व्यक्ति मूर्ख है तो वह जीवन में कभी भी सुख प्राप्त नहीं कर सकता है। 

उसे जीवन में हर कदम दुख और अपमान ही झेलना पड़ता है। बुद्धि के अभाव में इंसान कभी उन्नति नहीं कर सकता। अत: अज्ञान को दूर करने का प्रयास करना चाहिए और ज्ञान का सही दिशा में उपयोग करना चाहिए।

1. आचार्य चाणक्य के अनुसार हमेशा अपने घर में रहना ही अच्छा होता है। किसी दूसरे के घर में काफी समय तक रहने से ज्यादा दुख की बात और कोई नहीं होती है। दूसरे के घर में रहने से आजादी खत्म हो जाती है और इंसान अपने घर में रहने जैसा सुख नहीं उठा पाता। 

2. चाणक्य की मानें तो दुखी होना भी काफी दुर्भाग्य की बात है। जो व्यक्ति मूर्ख होता है वो अपनी मूर्खता से बनते काम भी बिगाड़ देता है। इसके अलावा अपनी मूर्खता भरी बातों से कभी-कभी शर्मींदगी भी झेलनी पड़ती है। ऐसे व्यक्ति को कभी भी सुख नहीं मिलता है। 

3.जीवन में जवानी भी दुख का कारण हो सकती है। जवानी में इंसान कोई भी काम सोच समझकर नहीं करता है। उसमें जोश होता है।

 ऐसे में गुस्से में और जोश में आकर गलतियां भी हो जाती हैं। इसलिए जवानी में हमेशा धैर्य होना चाहिए। हर काम सोच समझकर करना चाहिए।  



 

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