प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में बुधवार शाम को हुई कैबिनेट की बैठक में पुणे मेट्रो प्रॉजेक्ट को मंजूरी दे दी गई। इस प्रॉजेक्ट के तहत दो कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है। इनके निर्माण पर लगभग 11 हजार 420 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उम्मीद की जा रही है कि इस प्रॉजेक्ट से पुणे के लगभग 50 लाख की आबादी को फायदा होगा।
सरकार के एक टॉप अफसर ने बताया कि पुणे में जिन दो कॉरिडोर मंजूर किए गए हैं, उनमें से एक पिम्पड़ी चिंचवाड़ म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन से स्वारगेट तक 16.58 किमी की मेट्रो रेल लाइन बनाई जाएगी। इसमें से 11.57 किमी का हिस्सा एलिवेटिड और शेष 5.019 किमी अंडरग्राउंड होगा। इसी तरह से दूसरा कॉरिडोर वणाज से रामवडी के बीच बनेगा। 14.66 किमी का यह कॉरिडोर पूरी तरह से एलिवेटिड होगा। इस कंपनी में केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार की बराबर की हिस्सेदारी है। अफसरों का कहना है कि 2011 की जनगणना के मुताबिक पुणे की आबादी 4.99 मिलयन थी और उम्मीद है कि 2021 आते आते यह आबादी 6.90 मिलियन हो जाएगी।
पुणे प्रॉजेक्ट पर अमल का जिम्मा महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को दिया जाएगा। सरकार का कहना है कि अब तक मुंबई में मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन और नागपुर में नागपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन अपना प्रॉजेक्ट तैयार कर रहे हैं। अब नागपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का पुनर्गठन करके बनाया जा रहा महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन पुणे समेत सभी मेट्रो प्रॉजेक्ट का काम करेगा। पुणे मेट्रो को अगले पांच साल में तैयार किया जाएगा।