नई दिल्ली। केयर्न इंडिया अगले तीन साल में 30,000 करोड़ रूपए का निवेश करेगी। कंपनी राजस्थान के अपने मुख्य परियोजना क्षेत्र से 1,00,000 बैरल प्रतिदिन तेल या तेल के बराबर गैस का अतिरिक्त उत्पादन करना चाहती है। कंपनी ने कहा है कि नकदी संपन्न केयर्न का उसकी मातृत्व कंपनी वेदांता लि. में विलय मार्च के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
कंपनी के प्रमुख अनिल अग्रवाल ने कहा, हमने 1,00,000 बैरल प्रतिदिन तेल और समतूल्य गैस का अतिरिक्त उत्पादन हासिल करने के लिए अगले तीन साल में 30,000 करोड़ रूपए का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।
केयर्न ने सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही में दैनिक 2,06,230 बैरल तेल या उसके समतुल्य गैस का उत्पादन हासिल किया। इसमें से अधिकांश 1,67,699 बैरल प्रतिदिन का उत्पादन राजस्थान ब्लाक से, बंगाल की खाड़ी के रावा क्षेत्र से 18,823 बैरल प्रतिदिन तथा खंभात से 9,877 बैरल प्रतिदिन का उत्पादन हासिल हुआ।
अग्रवाल ने कहा कि भारत में खनिज स्रोतों का काफी कम दोहन हुआ है। हमारा विश्वास है कि यहां जमीन के नीचे काफी संसाधन हैं जिनका उत्पादन किया जा सकता है। केयर्न इंडिया पिछले 20 साल से अधिक से परिचालन कर रही है। उसने देश के तेल एवं गैस संसाधनों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।