केंद्र सरकार द्वारा नई कबाड़ नीति की घोषणा के बाद अब 1 अप्रैल से देशभर में वाहनों की री-पासिंग फीस बढ़ाई जाएगी।
- वाहनों की री-पासिंग में भारी शुल्क वृद्धि
- 1 अप्रैल से री-पासिंग में बड़ी फीस वृद्धि
- ऐसा नहीं करने पर 50 रुपये प्रतिदिन का जुर्माना भरना होगा
केंद्र सरकार द्वारा नई कबाड़ नीति की घोषणा के बाद अब 1 अप्रैल से देशभर में वाहनों की री-पासिंग फीस बढ़ाई जाएगी। बाइक री-पासिंग शुल्क में 233 प्रतिशत, कार में 733 प्रतिशत और ट्रक में 940 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। अब तक बाइक री-पासिंग शुल्क 300 रुपये था। शुल्क अब 1,000 रुपये होगा। जबकि कार पुन: अभी तक 600 रुपए पासिंग फीस थी, अब से 5000 रुपए लिए जाएंगे।
स्क्रैप नीति वाणिज्यिक वाहनों के लिए 2023 से और निजी वाहनों के लिए 2024 से लागू होगी।
जबकि ट्रक का री-पासिंग शुल्क 1200 रुपये था जो अब से 12,500 रुपये होगा।महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्ष 2006 से पहले पंजीकृत सभी वाहनों को अप्रैल में पुन: पास करना होगा। जिसमें फिटनेस में पास होने वाले वाहनों को 5 साल फिर से पास करने का मौका मिलेगा।
फिटनेस में विफल रहने वाले वाहनों को रद्द करना होगा।
नियम यह भी निर्धारित करता है कि जो वाहन 15 साल की अवधि पूरी करता है और चालक फिर से गुजरने में देरी करता है उसे 50 रुपये प्रति दिन का जुर्माना देना होगा।स्क्रैप नीति वाणिज्यिक वाहनों के लिए 2023 से और निजी वाहनों के लिए 2024 से लागू होगी।
नई कबाड़ नीति के अनुसार वाहन खरीदने के बाद केवल दो बार ही पुन: विश्लेषण किया जा सकेगा
हालांकि 15 साल पुराने वाहन के री-पासिंग चार्ज में बढ़ोतरी अप्रैल 2022 से लागू की जाएगी। आरटीओ कार्यालय में होगा फिटनेस टेस्ट, वाहन की आरसी बुक, बीमा पॉलिसी, पीयूसी, व्यावसायिक वाहनों को परमिट का प्रमाण लेना होगा। नई कबाड़ नीति के तहत चालक को नया वाहन खरीदने के बाद केवल दो बार री-पार्सिंग का मौका मिलेगा। इसके बाद वाहन को कबाड़ में भेजना होगा।
- जानिए कितनी री-पासिंग और फिटनेस फीस देनी होगी
- वाहन का प्रकार पुराना चार्ज नया चार्ज
- बाइक री-पासिंग रु. 300 1000
- तिपहिया वाहन का री-पासिंग रु. 600 2500
- कार री-पासिंग रु. 600 5000
- ट्रक की री-पासिंग रु. 12,500