खबर है की नालन्दा विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट कमिटी से महान अर्थशास्त्री ,नोबेल प्राइज विजेता अमर्त्य सेन को हटा दिया गया है। अधिनियम 2010 की धरा 7 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैनेजमेंट कमिटी का पुनर्गठन किया इसीलिए अमर्त्य सेन साथ ही मेघना देसाई को भी हटाने का फैसला लिया।
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एक जानकारी के अनुसार अमर्त्य सेन को साल 2015 में ही नालंदा यूनिवर्सिटी के कुलपति के पद से हटा दिया गया था। नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गोपा सबरवाल को भी पद से हटा दिया गया है। इनकी जगह पर हिस्टोरिकल स्टडीज के डीन डॉ. पंकज मोहन को नालंदा विश्वविद्यालय का प्रभारी कुलपति की जिम्मेवारी दी गयी है। नालंदा विश्विद्यालय के कुलाधिपति के पद पर डॉ. जार्ज यो को बरकरार रखा गया है।
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राष्ट्रपति ने अटॉर्नी जनरल से कानूनी रायमशवरे के बाद नालंदा विश्वविद्यालय के संचालक मंडल का पुनर्गठन किया है। नए संचालक मंडल में 13 सदस्य होंगे। जिसमें कुलाधिपति और कुलपति संचालक मंडल के पदेन सदस्य होते हैं। संचालक मंडल में भारत सहित पांच देशों के प्रतिनिधि रखे गए हैं। पिछले साल नालंदा विश्वविद्यालय को सबसे अधिक सहायता देने वाले देशों को वरीयता दी गयी है।
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